शिव रूप में ताज देखने पहुंचा पर्यटक, CISF ने त्रिशूल-डमरू जमा करवा निगरानी में कराया दीदार
- आदि शिव शनिवार की शाम 4:45 बजे ताजमहल के पूर्वी गेट पर पहुंचे थे। आदि शिव के हाथ में त्रिशूल, डमरू और कमर पर श्रृंगी लटकती देख बरबस ही लोगों की निगाहें उन पर टिक गईं। गेट पर तैनात एएसआई के कर्मचारियों और सीआईएसएफ के जवानों ने उन्हें वहीं रोक दिया।

मध्य प्रदेश के नर्मदाघाट के रहने वाले आदि शिव शनिवार को ताजमहल देखने पहुंचे। जब वह प्रवेश के लिए लाइन में लगे थे तो सीआईएसएफ के जवानों की नजर उनकी वेशभूषा पर गई। आदि शिव भगवान शिव के स्वरूप में थे। उनके हाथ में त्रिशूल और डमरू दिखा। इस पर उनसे कहा गया कि त्रिशूल और डमरू अंदर ले जाने की अनुमति नहीं है। इनको जमा कराने के बाद उन्हें प्रवेश दिया गया। आदि शिव ने कहा कि वह ताजमहल इसलिए देखने आए हैं कि दुनियाभर के लोग यहां आते हैं। आखिर ताजमहल में है क्या।
आदि शिव शनिवार की शाम 4:45 बजे ताजमहल के पूर्वी गेट पर पहुंचे थे। आदि शिव के हाथ में त्रिशूल, डमरू और कमर पर श्रृंगी लटकती देख बरबस ही लोगों की निगाहें उन पर टिक गईं। गेट पर तैनात भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के जवानों ने उन्हें वहीं रोक दिया। आदि शिव से कहा गया कि उन्हें त्रिशूल और डमरू के साथ ताजमहल में प्रवेश नहीं दिया जा सकता है। जवानों के कहने पर आदि शिव त्रिशूल और डमरू वहां जमा कराने को तैयार हो गए।
इसके बाद उन्होंने वहीं पर त्रिशूल और डमरू जमा करा दिया। सीआईएसएफ ने सुरक्षा निगरानी में उन्हें ताजमहल का दीदार कराया। एक पर्यटक को शिव के भेष में घूमते देख वहां मौजूद पर्यटक आश्चर्य से भर गए। कई पर्यटकों ने आदि शिव के साथ तस्वीरें भी खिंचवाईं।
ताज के मुख्य गुंबद पर लगा मधुमक्खी का छत्ता हटाया गया
ताजमहल के मुख्य गुंबद के आर्च में काफी समय से लगे मधुमक्खी के छत्ते को हटवा दिया गया है। अब पर्यटकों को कुछ राहत महसूस हो रही है। साथ ही मुख्य गुंबद का चेहरा भी ठीक लगने लगा है। आपके अखबार ‘हिन्दुस्तान’ ने दो दिन पहले मुख्य गुंबद के चेहरे को बिगाड़ने वाले मधुमक्खी के छत्ते की खबर को प्रकाशित किया था। इस खबर के प्रकाशित होने के बाद एएसआई के अधिकारी जागे। उन्होंने इस छत्ते को हटवा दिया।
छत्ते के कारण पर्यटकों को काफी परेशानी हो रही थी। मधुमक्खियों के उड़ने के कारण पर्यटकों को काटे जाने का भी खतरा बना हुआ था। अब मधुमक्खी के छत्ते को हटवा दिए जाने के कारण कुछ राहत मिली है। अब पर्यटकों को कुछ राहत महसूस हो रही है। साथ ही मुख्य गुंबद का चेहरा भी ठीक लगने लगा है। वहीं मधुमक्खियों ने यमुना किनारे की और मुख्य गुंबद के आर्च में अपना नया ठिकाना बनाना शुरू कर दिया है। ताजमहल के वरिष्ठ संरक्षण सहायक प्रिंस वाजपेयी का कहना है कि इसे भी जल्द हटवा दिया जाएगा। पर्यटकों को किसी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी।