Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Tiger caught creates terror in Lucknow after 90 days 25 animals hunted till now

लखनऊ में दहशत बना बाघ 90 दिन बाद पकड़ाया, 25 जानवरों को अब तक बनाया शिकार

लखनऊ में तीन महीने से लोगों का जीना हराम करने वाला बाघ पकड़ लिया गया है। बुधवार को वन विभाग की टीम ने बाघ को दो बार ट्रैकुलाइज करने के बाद पकड़ने में सफलता हासिल की है।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तानWed, 5 March 2025 08:56 PM
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लखनऊ में दहशत बना बाघ 90 दिन बाद पकड़ाया, 25 जानवरों को अब तक बनाया शिकार

यूपी की राजधानी लखनऊ वालों के लिए दहशत का पर्याय बना बाघ अंतत: बुधवार को पकड़ लिया गया। वन विभाग की टीम ने बाघ को रहमान खेड़ा जंगल के जोन-2 में घेरने के बाद दो बार ट्रैंकुलाइज करके पकड़ लिया। इस दौरान भी वन विभाग को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। पहला ट्रैंकुलाइजर डार्ट लगने पर बाघ बेहोश नहीं हुआ और पहले से ज्यादा आक्रामक होकर दहाड़ने लगा। इसके बाद करीब 500 मीटर पीछा कर दूसरा निशाना लगाया गया। दूसरी डार्ट लगने से बाघ बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ा। बाघ को फिलहाल बख्शी का तालाब रेंज कार्यालय लाया जाएगा। जहां वन्यजीव चिकित्सकों की टीम उसका इलाज करेगी।

लखनऊ के काकोरी में रहमानखेड़ा और पास के करीब 60 गांवों में यह बाघ घूम रहा था। बाघ को पकड़ने के लिए अब तक करीब 90 लाख से अधिक खर्च भी हो चुके थे। पूरे क्षेत्र में चाय के स्टॉलों, ढाबों पर चर्चा सिर्फ बाघ की थी। दूसरी ओर बकरी और अन्य मवेशी पालने वाले डरे हुए थे। रहमानखेड़ा के जंगलों में पांच दिन बाद सोमवार रात लौटे बाघ ने संस्थान के जंगल में पुराने कमांड सेंटर के पास बंधे पड़वे का शिकार कर मार डाला।

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इस दौरान पड़वे की रेंकने की आवाज सुनकर मचान पर बैठे डॉक्टरों ने बाघ को ट्रैंकुलाइज करने का प्रयास करते हुए डॉट फायर किया लेकिन बाघ को नहीं लगा। इसके बाद बाघ शिकार छोड़कर जंगल में भाग निकला। थर्मल ड्रोन कैमरे से बाघ की तलाश की गई लेकिन बाघ नहीं दिखा। मंगलवार की सुबह ट्रैकिंग के दौरान बाघ के पगचिन्ह संस्थान के कैथा बाग में पाए गए। इसके बाद पड़वे का शव रखकर बाघ का दोबारा इंतजार हो रहा था।

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एआई कैमरों से बाघ पकड़ने के लिए बुलाए गये एक्सपर्ट

बाघ को पकड़ने के लिए पांच एआई कैमरे मंगवाए गए थे। एआई तकनीकी से लैस कैमरे से बाघ को पकड़ने के लिए एक्सपर्ट वी शंकर को बैंगलोर से बुलाए गए थे। बुधवार को सभी कैमरे लगाकर बाघ को पकड़ने का प्रयास शुरू हुआ।

इसी बीच नौगवां में पहुंचे बाघ ने एक ग्रामीण की घारी में बंधी गाय पर हमला करते हुए उसे मौत के घाट उतार दिया। इतना ही नहीं बाघ गाय का कुछ हिस्सा खा भी गया। सुबह पशु मालिक को तब जानकारी हुई जब उसे गाय का अधखाया शव दिखाई दिया। मामले की सूचना वन विभाग को दे दी गई है। इसी के बाद बाघ की घेरेबंदी तेज हुई और उसे अंतत: पकड़ लिया गया। वन विभाग के अफसरों के अनुसार बाघ करीब 230 किलो वजनी है। उसकी उम्र करीब 3-4 साल है।

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