डेढ़ करोड़ की पुरानी करेंसी के साथ सिपाही समेत तीन गिरफ्तार, 2 बोरी में भरीं नोटों गड्डियां बरामद
यूपी के मुरादाबाद में कार सवार सिपाही समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर उनके पास से बंद हो चुकी पुरानी करेंसी के 1 करोड़ 49 लाख 99 हजार रुपये बरामद किए है। 2 बोरी में नोटों गड्डियां भरी थीं।

यूपी के मुरादाबाद में डिलारी थाना पुलिस ने रविवार देर रात चेकिंग के दौरान कार सवार तीन लोगों को गिरफ्तार कर उनके पास से बंद हो चुकी पुरानी करेंसी के 1 करोड़ 49 लाख 99 हजार रुपये बरामद किए है। पकड़े गए आरोपियों में एक यूपी पुलिस का सिपाही भी शामिल है। वह अमरोहा का रहने वाला है और सीतापुर में तैनात है। वहीं, दो आरोपी मौके से फरार हो गए। पुलिस ने कुल छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है और तीन फरार आरोपियों की तलाश जारी है।
एसपी क्राइम सुभाष चंद्र गंगवार के अनुसार, रविवार देर रात डिलारी एसएसआई सुभाष चंद्र यादव और एसआई मनीष कुमार की टीम चांदखेड़ी के पास गश्त पर थी। इसी दौरान एसएचओ मनोज सिंह को सूचना मिली कि एक कार में कुछ लोग बंद हो चुकी पुरानी करेंसी लेकर करनपुर से डिलारी की ओर आ रहे हैं। सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने हौंसपुरा गांव की पुलिया के पास चेकिंग शुरू की। कुछ देर बाद एक स्विफ्ट डिजायर कार आती दिखी। पुलिस को देखकर कार सवार हड़बड़ा गए और गाड़ी रोक दी। इसी बीच दो युवक कार से उतरकर फरार हो गए, जबकि तीन को मौके पर पकड़ लिया गया। इनमें एक आरोपी दिव्यांग है। पुलिस ने कार की डिग्गी की तलाशी ली तो उसमें दो बोरों में भरकर एक-एक हजार और पांच-पांच सौ रुपये के नोटों की गड्डियां मिलीं, जो कि नवंबर 2016 में बंद किए जा चुके हैं। पकड़े गए आरोपियों की पहचान अमरोहा के अमरोहा देहात थाना के गांव जलीलपुर बक्काल निवासी यूपी पुलिस के सिपाही विक्की गौतम, रामपुर के टांडा थाना के गांव अहमदनगर अहमदाबाद मदारी की मढ़ैया निवासी मोहम्मद यासीन और मोहम्मद रियाज के रूप में हुई।
यूपी के मुरादाबाद में डिलारी थाना पुलिस ने रविवार देर रात चेकिंग के दौरान कार सवार तीन लोगों को गिरफ्तार कर उनके पास से बंद हो चुकी पुरानी करेंसी के 1 करोड़ 49 लाख 99 हजार रुपये बरामद किए है। पकड़े गए आरोपियों में एक यूपी पुलिस का सिपाही भी शामिल है। वह अमरोहा का रहने वाला है और सीतापुर में तैनात है। वहीं, दो आरोपी मौके से फरार हो गए। पुलिस ने कुल छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है और तीन फरार आरोपियों की तलाश जारी है।
एसपी क्राइम सुभाष चंद्र गंगवार के अनुसार, रविवार देर रात डिलारी एसएसआई सुभाष चंद्र यादव और एसआई मनीष कुमार की टीम चांदखेड़ी के पास गश्त पर थी। इसी दौरान एसएचओ मनोज सिंह को सूचना मिली कि एक कार में कुछ लोग बंद हो चुकी पुरानी करेंसी लेकर करनपुर से डिलारी की ओर आ रहे हैं। सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने हौंसपुरा गांव की पुलिया के पास चेकिंग शुरू की। कुछ देर बाद एक स्विफ्ट डिजायर कार आती दिखी। पुलिस को देखकर कार सवार हड़बड़ा गए और गाड़ी रोक दी। इसी बीच दो युवक कार से उतरकर फरार हो गए, जबकि तीन को मौके पर पकड़ लिया गया। इनमें एक आरोपी दिव्यांग है। पुलिस ने कार की डिग्गी की तलाशी ली तो उसमें दो बोरों में भरकर एक-एक हजार और पांच-पांच सौ रुपये के नोटों की गड्डियां मिलीं, जो कि नवंबर 2016 में बंद किए जा चुके हैं। पकड़े गए आरोपियों की पहचान अमरोहा के अमरोहा देहात थाना के गांव जलीलपुर बक्काल निवासी यूपी पुलिस के सिपाही विक्की गौतम, रामपुर के टांडा थाना के गांव अहमदनगर अहमदाबाद मदारी की मढ़ैया निवासी मोहम्मद यासीन और मोहम्मद रियाज के रूप में हुई।
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पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि कार से भागने वाले उनके दो साथी बिजनौर के नूरपुर थाना के नूरपुर निवासी यूसुफ और इसी थाना के गांव गुहावर निवासी सत्तार हैं। आरोपियों ने बताया कि फैसल उन्हें पुरानी करेंसी देता है, जिसे वे 10% कमीशन पर आगे की पार्टी को देते हैं। एक करोड़ की करेंसी देने पर बदले में 10 लाख की नई करेंसी मिलती है, जिसे आपस में बांट लेते हैं। यह गिरोह लंबे समय से इस काम में सक्रिय है। हाल ही में उनकी एक डील मुजफ्फरनगर की पार्टी से तय हुई थी, जो रकम लेने आने वाली थी, लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। पुलिस ने सभी छह आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत और स्पेसिफाइड बैंक नोट्स (सेसेशन ऑफ लाइबिलिटीज) एक्ट 2017 की धारा 5/7 के तहत मामला दर्ज किया है। गिरफ्तार तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है, जबकि फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए गए हैं।