बिजली कर्मचारियों के आंदोलन के बीच ही तीन अधिशासी अभियंता निलंबित, ओटीएस में खराब प्रदर्शन का आरोप
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन में निजीकरण को लेकर एक तरफ बिजली कर्मचारी आंदोलित हैं। लगातार धरना प्रदर्शन हो रहा है। इस बीच जौनपुर के तीन अधिशासी अभियंताओं को बुधवार रात निलंबित कर दिया गया है। तीनों पर ओटीएस योजना में खराब प्रदर्शन का आरोप लगाया गया है।
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन में निजीकरण को लेकर एक तरफ बिजली कर्मचारी आंदोलित हैं। लगातार धरना प्रदर्शन हो रहा है। इस बीच जौनपुर के तीन अधिशासी अभियंताओं को बुधवार रात निलंबित कर दिया गया है। तीनों पर ओटीएस योजना में खराब प्रदर्शन का आरोप लगाया गया है। पूर्वांचल विद्युत वितरण खंड जौनपुर के अधीक्षण अभियंता विवेक खन्ना ने गुरुवार को "यूनीवार्ता" को बताया कि पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष डॉक्टर आशीष गोयल मंगलवार की रात में वीडियो कांफ्रेंसिंग पर अधिकारियों से बैठक कर रहे थे तो उसी समय जौनपुर जिले में एक मुश्त समाधान योजना (ओटीएस) और राजस्व वसूली में खराब प्रदर्शन के चलते तीन अधिशासी अभियंताओं को निलंबित करने का निर्देश दिया।
इसके तहत पूर्वांचल प्रबंध निदेशक शंभू कुमार ने अधिशासी अभियंता वितरण खंड द्वितीय रमेश चंद्रा, अधिशासी अभियंता वितरण खंड मछली शहर रामसनेही यादव और वितरण खंड चतुर्थ के अधिशासी अभियंता प्रफुल्ल त्यागी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। खन्ना ने बताया कि वीसी के दौरान अधिशासी अभियंता मछली शहर रामसनेही यादव ने अध्यक्ष को बताया था कि राजस्व वसूली व एक ओटीएस में जेई व संविदा कर्मियों के द्वारा लापरवाही की जा रही है।
एक जनवरी को मनायेंगे काला दिवस
वहीं, बिजली के निजीकरण के विरोध में देश भर में लामबंद हो रहे बिजली कर्मचारी एक जनवरी को काला दिवस मनायेंगे। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समितिउत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों ने बताया कि बिजली के निजीकरण के विरोध में एक जनवरी को प्रदेश के सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारी और अभियंता पूरे दिन काली पट्टी बांधकर काम करेंगे। निजीकरण के विरोध में एक जनवरी को काला दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि बिजली पंचायत का दौर जारी है और 27 दिसंबर को गोरखपुर में बिजली पंचायत का आयोजन किया गया है। इसके बाद 29 दिसंबर को झांसी में और 5 जनवरी को प्रयागराज में बिजली पंचायत आयोजित की जाएगी।
संघर्ष समिति ने कहा कि झूठे आंकड़े और भय का वातावरण बनाकर बिजली के निजीकरण की साजिश सफल नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पॉवर कारपोरेशन के अध्यक्ष बिजली के निजीकरण का चौतरफा विरोध होते देख बौखला गए हैं और उन्होंने बिजली कर्मचारियों और अभियंताओं को अनावश्यक तौर पर दंडित कर भय का वातावरण बनाने की कोशिश शुरू कर दी है।
संघर्ष समिति ने कहा कि बिजली कर्मचारी कार्य में कोई व्यवधान नहीं होने दे रहे हैं और मुख्यमंत्री योगी आदत्यिनाथ के प्रति पूरा विश्वास बनाए रखते हुए बिजली व्यवस्था के सुधार में प्राणपण से लगे हैं मगर पॉवर कारपोरेशन के अध्यक्ष वातावरण को बिगड़ने में लगे हैं और अनावश्यक तौर पर बिजली कर्मचारियों को उत्तेजित कर रहे हैं।