फ्री राशन लेने वालों में लाखों का धान-गेहूं बेचने वाले भी, हर कोटेदार के पास पहुंची ये लिस्ट
- किसान बनकर लाखों रुपये का धान-गेहूं बेचने वालों का नाम मुफ्त राशन लेने वालों की सूची में है। हर कोटेदार के पास आपूर्ति विभाग की तरफ से 10 से 20 लखपति किसानों की सूची पहुंची है।
Free Ration: किसान बनकर लाखों रुपये का धान-गेहूं बेचने वालों का नाम मुफ्त राशन लेने वालों की सूची में है। प्रत्येक कोटेदार के पास आपूर्ति विभाग की तरफ से 10 से 20 लखपति किसानों की सूची पहुंची है। वहीं तमाम ऐसे किसान हैं, जिनका नाम गलत तरीके से सूची में आ गया है। आधार कार्ड से मामला पकड़ में आया है। अपात्रों का राशन कार्ड निरस्त किया जा रहा है। प्रथमदृष्टया इसमें धान खरीद के बिचौलियों और कुछ राइस मिलर की मिलीभगत मानी जा रही है, जिन्होंने किसानों का आधार कार्ड इस्तेमाल कर धान बेचा है।
मानक के मुताबिक, पांच एकड़ से अधिक जमीन वाले कास्तकार, आयकर अदा करने वाले व्यक्ति और पेंशन का लाभ पाने वाले कर्मचारियों को मुफ्त राशन का लाभ नहीं मिल सकता है। आपूर्ति विभाग ने आयकर विभाग, खाद्य और रसद विभाग के साथ अन्य सरकारी विभागों के आंकड़ों से पाया कि करीब 20 हजार लोग गलत तरीके से राशन का लाभ ले रहे हैं। आधार कार्ड से पकड़ में आए ऐसे लोगों की सूची आपूर्ति विभाग ने सत्यापन के लिए जिले के सभी 1865 कोटेदारों को भेजी है। चौराचौरा क्षेत्र के कोटेदार कैलाश ने बताया कि आपूर्ति विभाग से 190 लोगों की सूची मिली थी, जिन्होंने 150 से 200 कुंतल धान बेचा है और वे मुफ्त राशन ले रहे हैं। ऐसे सभी लोगों का नाम गलत तरीके से सूची में था। सत्यापन में पता चला कि कोई एक एकड़ का खेतिहर है तो किसी के पास दो एकड़ ही जमीन है। इसी तरह बिछिया में संतोष कुमार का नाम भी धान बेचने वालों की सूची में था। उनके पास 20 डिसमिल भी खेत नहीं है। दरअसल, इस फर्जीवाड़े के पीछे धान खरीद के बिचौलियों और कुछ राइस मिलरों का हाथ है, जिन्होंने किसानों के आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल कर उनकी जमीन अधिक दिखाते हुए धान बेचा है।
आयकर और पेंशनधारक भी सूची में
सूची में आयकर और पेंशनधारक भी हैं। ऐसे भी लोग हैं जिनका अनियोजित आय में टीडीएस कट गया लेकिन उन्होंने आयकर रिटर्न दाखिल कर रिफंड नहीं लिया। ऐसी महिलाएं भी पकड़ में आई हैं, जो विधवा पेंशन ले रही हैं और उनके पति राशन कार्ड में जीवित हैं।
आधार कार्ड से खुल रहा खेल
आधार कार्ड मोबाइल और बैंक खाते से लिंक होने से बड़ी संख्या में फर्जीवाड़ा करने वालों का नाम उजागर हो रहा है। गांव से अधिक शहरी क्षेत्र में गलत लाभ लेने वाले हैं। हालांकि, विभाग का कहना है कि सूची में 80 फीसदी नाम ऐसे मिले हैं, जिनके आधार कार्ड का गलत प्रयोग कर धान या गेहूं बेचा गया है।
क्या बोले अफसर
जिला पूर्ति अधिकारी रामेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि पात्रता की शर्तों के विपरीत मुफ्त राशन लेने वालों की एक सूची कोटेदारों को भेजी गई है। विभाग के स्तर पर भी सत्यापन किया जा रहा है। धान और गेहूं बेचने वालों में 70 फीसदी मामले गलत मिले हैं। तमाम ऐसे किसानों के नाम हैं, जिनके पास एक एकड़ खेत भी नहीं है। अआत्रों का राशन कार्ड निरस्त किया जा रहा है।