यूपी में छुट्टा जानवरों से मिलेगी मुक्ति, शहरों से गांवों तक ये है तैयारी, अधिकारियों को दी गई जिम्मेदारी
यूपी में किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाने तथा दुर्घटनाओं का कारण बनने वाले छुट्टा जानवरों से मुक्ति मिलेगी। इनके लिए बड़ी योजना पर काम होगा। अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है।
किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाने तथा दुर्घटनाओं का कारण बनने वाले छुट्टा जानवरों से प्रदेश को मुक्ति दिलाने की तैयारी है। इनके लिए बड़ी योजना पर काम होगा। लेकिन इससे पहले छुट्टा जानवरों की सही संख्या पता करने लिए इनका सर्वे कराया जा रहा है। सत्यापन व गणना शहरों व गांवों से लेकर कस्बों तक में हो रही है। इसमें पता किया जा रहा है कि किस इलाके, गांव, खलिहान, चरागाह, कस्बे, मोहल्ले व शहर में कितने छुट्टा गौवंश हैं। इनके आंकड़े आने के बाद इनकी संख्या के आधार पर जानवरों को सुरक्षित रखने काम शुरू होगा। नई गौशालाएं, कान्हा उपवन व नंदीशाला बनाए जाएंगे। अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है।
गांवों से लेकर शहरों तक सभी जगह छुट्टा जानवरों से लोग परेशान हैं। गांवों में यह जहां किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं वहीं शहरों में छुट्टा जानवर दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं। प्रदेश के तमाम जिलों में किसान काफी परेशान हैं। लखनऊ में भी किसान इनकी वजह से काफी ज्यादा परेशान हैं। उनकी फसलें तबाह हो रही हैं। शासन ने 31 अक्तूबर 2023 को आदेश जारी कर निराश्रित गौशवंश को आश्रय स्थलों में संरक्षित करने का निर्देश दिया था। इनके लिए गौशालाएं बनाने को कहा था। जानवरों की सही संख्या का आंकलन न होने की वजह से इसके अनुसार संसाधन विकसित करने में दिक्कतें हो रही थीं। इसी वजह से अब सभी गौवंश व निराश्रित जानवरों की गणना करायी जा रही है। इनकी वास्तविक संख्या पता करने का काम शुरू हो गया है। आंकड़े आने के बाद उनकी संख्या के आधार पर संसाधन विकसित किए जाएंगे। नयी गौशालाएं, आश्रय स्थल, कान्हा उपवन व नन्दीशाला विकसित होंगे। बाद में चिन्हित जानवरों को पकड़कर इन्हें रखा जाएगा। इससे किसानों को राहत होगी।
सभी बीडीओ व नगर निगम को दी जिम्मेदारी
लखनऊ में सीडीओ अजय जैन ने 18 अक्तूर 2024 को निराश्रित गौवंश व जानवरों की गणना करने का आदेश जारी किया है। अपने आदेश में उन्होंने लिखा कि शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में विचरण कर रहे निराश्रित गौवंश व जानवरों की गणना व सत्यापन तत्काल शुरू किया जाए। वास्तविक निराश्रित गौवंश की संख्या संकलित की जाए। संकलित सही सूचना मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के माध्यम से उनके पास प्रस्तुत की जाए। ताकि संकलित सूचना उच्च अधिकारियों को समय पर कार्यवाही के लिए भेजी जा सके। उन्होंने कहा है कि सभी बीडीओ, अधिशासी अधिकारी, उप जिलाधिकारी के प्रति हस्ताक्षरोपरान्त इस आशय का प्रमाण पत्र देंगे उनके क्षेत्र में बेसहारा गौवंश की गणना शत प्रतिशत पूरी हो चुकी है। कोई भी गौवंश व जानवर सत्यापन से छूटा नहीं है।