Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़there was a well planned conspiracy behind the violence in sambhal revealed by sansad sambhal whatsapp group

संभल में हिंसा के पीछे थी सुनियोजित साजिश, 'सांसद संभल' व्हाट्सएप ग्रुप से खुलासा

  • गुलाम और उसके आका दुबई में बैठे शारिक साठा की बातचीत से साफ हो गया है कि वे 24 नवंबर को हर हाल में हिंसा कराने के इरादे से काम कर रहे थे। 23 नवंबर को भी गुलाम और शारिक साठा की बात हुई थी। साठा ने कहा था कि सर्वे किसी भी कीमत पर नहीं होने देना है।

Ajay Singh हिन्दुस्तान, कार्यालय संवाददाता, संभलSat, 22 Feb 2025 12:44 PM
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संभल में हिंसा के पीछे थी सुनियोजित साजिश, 'सांसद संभल' व्हाट्सएप ग्रुप से खुलासा

Role of WhatsApp group in Sambhal violence: संभल में हुई हिंसा के पीछे सुनियोजित साजिश का खुलासा हुआ है। पुलिस जांच में पाया गया है कि ‘सांसद संभल’ नामक व्हाट्सएप ग्रुप में हिंसा फैलाने के निर्देश दिए गए थे। पुलिस को सुबूत मिले हैं कि 22 और 24 नवंबर को हिंसा भड़काने के लिए इसी ग्रुप में मैसेज भेजे गए थे। इन संदेशों में भारी भीड़ जुटाने और सरकारी सर्वे को रोकने के निर्देश दिए गए थे।

पुलिस सूत्रों के अनुसार गुलाम और उसके आका दुबई में बैठे शारिक साठा की बातचीत से साफ हो गया है कि वे 24 नवंबर को हर हाल में हिंसा कराने के इरादे से काम कर रहे थे। 23 नवंबर को गुलाम और शारिक साठा की बात हुई थी। साठा ने कहा था कि अगले दिन सर्वे किसी भी कीमत पर नहीं होने देना है। इसके बाद बड़ी संख्या में लोगों को एकत्र किया गया और माहौल को भड़काया गया। सांसद जियाउर्रहमान बर्क पहले से ही हिंसा भड़काने के एक मामले में आरोपी हैं और उनकी गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल रोक लगी हुई है।

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साठा पर बीएनएस-48 के तहत होगी कार्रवाई

शाही जामा मजिद के दोबारा सर्वे के दौरान बीते वर्ष 24 नवंबर को हुई हिंसा मामले में एसआईटी ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अर्चना सिंह की अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस मामले में कुल 12 एफआईआर दर्ज की गई थीं। इनमें से 6 एफआईआर में साढ़े तीन हजार से अधिक पन्नों में 215 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। अन्य मुकदमों में पुलिस की जांच जारी है। दुबई में बैठकर हिंसा कराने वाले शारिक साठा के खिलाफ बीएनएस-48 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

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पुलिस कर रही है डिजिटल सुबूतों की जांच

पुलिस ने गुलाम और उसकी पत्नी के मोबाइल डेटा की गहन जांच शुरू कर दी है। गुलाम का मोबाइल डाटा डिलीट किया जा चुका है, लेकिन उसकी पत्नी के फोन से महत्वपूर्ण सबूत निकाले जा रहे हैं। इसके अलावा, आरोपी मुल्ला अफरोज के फोन में घटना से पहले पिस्टल की तस्वीरें शेयर की गई थीं, जो बाद में गुलाम से बरामद पिस्टल से मेल खाती हैं।

अवैध संपत्तियों की जांच शुरू, जल्द होगी कुर्की

गुलाम के काले कारनामों का कच्चा चिह्वा खुलने के बाद प्रशासन ने अब उसकी अवैध संपत्तियों की जांच शुरू कर दी है। गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की तैयारी है और जल्द ही कुर्की की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। पुलिस को शक है कि सांसद बर्क के संरक्षण में गुलाम ने विदेश में भी काली कमाई निवेश की थी।

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