रिमांड पर खुलेंगे जेएस विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्रियों के राज, चांसलर की गिरफ्तारी के बाद कई और रडार पर
- जेएस विवि के कुलाधिपति सुकेश यादव, रजिस्ट्रार नंदन मिश्रा और राजस्थान के दलाल अजय भारद्वाज की गिरफ्तारी के बाद अब रिमांड पर जेएस विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्रियों के राज खुलेंगे। कई और रडार पर है।

जयपुर एसओजी ने चांसलर एवं रजिस्ट्रार सहित दलाल को गिरफ्तारी के बाद शनिवर को रिमांड पर लिया है। माना जा रहा है एसओजी इनसे पूछताछ कर इस पूरे मामले से जुड़े हर बिंदु पर तहकीकात कर रही है तो इस खेल में जुड़े अन्य विवि के लोगों के साथ दूसरे राज्यों के दलालों के नाम जानने का भी प्रयास किया जा रहा है। फर्जी डिग्री दिलाने का काम विवि स्तर पर सिर्फ एक-दो लोगों का ही नहीं हो सकता था। ऐसे में माना जा रहा है कि जांच के दायरे में अभी कुछ और लोगों का नाम आने के साथ गिरफ्तारियां बाकी हैं। वहीं विवि से जुड़े कई लोगों की धड़कनें भी चांसलर की गिरफ्तारी एवं रिमांड पर लेने के बाद बढ़ी हुई हैं।
जयपुर एसओजी पुलिस ने जेएस विवि के कुलाधिपति सुकेश यादव, रजिस्ट्रार नंदन मिश्रा और राजस्थान के दलाल अजय भारद्वाज को गिरफ्तार किया था। तीनों को कोर्ट से रिमांड पर लिया गया है। अब लगातार इनसे शनिवार से ही पूछताछ शुरू हो गई है कि जेएस विवि की फर्जी डिग्री को कैसे छात्रों तक पहुंचाया जाता था। एक डिग्री के बदले कितनी धनराशि बसूली जाती थी। अब तक कितने छात्रों को यह डिग्री दी जा चुकी है। सबसे चौंकाने वाली बात यह भी सामने आ सकती है कि राजस्थान ही नहीं अन्य राज्यों में इस जेएस से नौकरी पाने वाले कितने अभ्यर्थी हैं जिनके द्वारा वर्तमान में नौकरी की जा रही है और उनके फर्जी होने का खुलासा होने के बाद सेवा से बर्खास्तगी भी तय होगी।
एसओजी ने कई सवालों के बीच जेएस के उन लोगों के नामों को भी जानने के प्रयास किया जो लोग दलालों के माध्यम से डिग्री को पहुंचाने का काम करते थे। चांसलर और रजिस्ट्रार को एसओजी एक कड़ी के रूप में देख रही है लेकिन जो मोहरे दलालों से सेटिंग करके और रुपयों को लेने और डिग्री को देने का काम करते थे उनके नामों को प्रकाश में लाने की तैयारी चल रही है। एसओजी का मानना है कि चनौरी की तरह डिग्रियों को बांटा गया था।
जयपुर एसओजी ने चांसलर एवं रजिस्ट्रार सहित दलाल को गिरफ्तारी के बाद शनिवर को रिमांड पर लिया है। माना जा रहा है एसओजी इनसे पूछताछ कर इस पूरे मामले से जुड़े हर बिंदु पर तहकीकात कर रही है तो इस खेल में जुड़े अन्य विवि के लोगों के साथ दूसरे राज्यों के दलालों के नाम जानने का भी प्रयास किया जा रहा है। फर्जी डिग्री दिलाने का काम विवि स्तर पर सिर्फ एक-दो लोगों का ही नहीं हो सकता था। ऐसे में माना जा रहा है कि जांच के दायरे में अभी कुछ और लोगों का नाम आने के साथ गिरफ्तारियां बाकी हैं। वहीं विवि से जुड़े कई लोगों की धड़कनें भी चांसलर की गिरफ्तारी एवं रिमांड पर लेने के बाद बढ़ी हुई हैं।
जयपुर एसओजी पुलिस ने जेएस विवि के कुलाधिपति सुकेश यादव, रजिस्ट्रार नंदन मिश्रा और राजस्थान के दलाल अजय भारद्वाज को गिरफ्तार किया था। तीनों को कोर्ट से रिमांड पर लिया गया है। अब लगातार इनसे शनिवार से ही पूछताछ शुरू हो गई है कि जेएस विवि की फर्जी डिग्री को कैसे छात्रों तक पहुंचाया जाता था। एक डिग्री के बदले कितनी धनराशि बसूली जाती थी। अब तक कितने छात्रों को यह डिग्री दी जा चुकी है। सबसे चौंकाने वाली बात यह भी सामने आ सकती है कि राजस्थान ही नहीं अन्य राज्यों में इस जेएस से नौकरी पाने वाले कितने अभ्यर्थी हैं जिनके द्वारा वर्तमान में नौकरी की जा रही है और उनके फर्जी होने का खुलासा होने के बाद सेवा से बर्खास्तगी भी तय होगी।
एसओजी ने कई सवालों के बीच जेएस के उन लोगों के नामों को भी जानने के प्रयास किया जो लोग दलालों के माध्यम से डिग्री को पहुंचाने का काम करते थे। चांसलर और रजिस्ट्रार को एसओजी एक कड़ी के रूप में देख रही है लेकिन जो मोहरे दलालों से सेटिंग करके और रुपयों को लेने और डिग्री को देने का काम करते थे उनके नामों को प्रकाश में लाने की तैयारी चल रही है। एसओजी का मानना है कि चनौरी की तरह डिग्रियों को बांटा गया था।
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आगरा के विवि पर भी टिकी निगाहें
जेएस विवि की फर्जी डिग्रियों से नौकरी पाने के खुलासे के बाद अब छात्रों और अभिभावकों के साथ साथ जयपुर एसओजी की निगाहें आगरा के अग्रवन विवि पर भी टिकी हुई हैं। माना जा रहा है कि जेएस और सुकेश यादव से जुड़े हर पहलू को एसओजी खंगाल रही है।
सैफई परिवार से रहीं नजदीकियां
जेएस विवि की नींव सपा शासन में रखी गई थी। सैफई परिवार के सुकेश यादव की नजदीकियां रहीं। सपा शासन में आसानी से विवि की मान्यता मिल गई और भाजपा शासनकाल में सुकेश यादव ने भाजपा से नजदीकी बनाकर आगरा के अग्रवन विवि की मान्यता भी करा ली।
अन्य विवि की डिग्रियों को लेकर चिंता
जेएस विवि की फर्जी डिग्रियों के मामले को लेकर जिले और आसपास के जिलों में विवि के रूप में डिग्री जारी करने वालों पर नजरें टिकी हैं। लोगों द्वारा चर्चा की जा रही है कि कहीं अन्य विवि की डिग्री भी जांच के दायरे में न आ जाएं। उनकी डिग्री सही है या नौकरी फंस सकती है इसको लेकर भी चिंता सताने लगी है।
सुकेश की पत्नी जा रही थीं विदेश
अकेले सुकेश यादव ही विदेश नहीं जा रहे थे, दिल्ली एयरपोर्ट पर उनकी पत्नी गीता यादव भी उनके साथ थीं। वे भी विदेश जा रही थीं। जैसे ही जयपुर एसओजी और एटीएस ने गिरफ्तारी की तो गीता यादव भी टीम के साथ जयपुर चली गईं। गीता यादव वर्तमान में शिकोहाबाद के एके डिग्री कॉलेज में बीएड विभाग में प्रोफेसर हैं और वे विदेश जाने के लिए 10 मार्च तक का अवकाश का प्रार्थना पत्र लगाकर गई थीं।
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