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सिपाही भर्ती परीक्षा पर्चा लीक में टीसीआई कर्मचारियों को मिली थी बड़ी रकम, प्रॉपर्टी जब्‍त करने की तैयारी

  • पर्चा लीक कराने के बदले में इन्हें बड़ी रकम दी गई थी। जांच में जब यहां के CCTV फुटेज खंगाले गए तो पता चला कि वेयर हाउस में जितने दिन पर्चे पहुंचे, वहां का कैमरा बीच में कई बार बंद कर दिया गया था। यह पता चलने के बाद ईडी ने संचालक को पूछताछ के लिए बुलाया। इनकी सम्पत्ति भी खंगाली जा रही है।

Ajay Singh हिन्दुस्तान, प्रमुख संवाददाता, लखनऊFri, 3 Jan 2025 06:57 AM
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UP Police Constable Recruitment Exam Paper Leak Case: सिपाही भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक मामले में ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन ऑफ इंडिया (टीसीआई) के वेयर हाउस में संचालक और उसके तीन कर्मचारियों ने भी अहम भूमिका निभाई थी। पर्चा लीक कराने के बदले में इन्हें बड़ी रकम दी गई थी। जांच में जब यहां के सीसी फुटेज खंगाले गए तो पता चला कि वेयर हाउस में जितने दिन पर्चे पहुंचे, वहां का कैमरा बीच में कई बार बंद कर दिया गया था। यह पता चलने पर ही ईडी ने अपनी जांच का ब्योरा बढ़ाया था। इसके बाद ईडी ने संचालक को पूछताछ के लिए बुलाया। इनकी सम्पत्ति भी खंगाली जा रही है।

पिछले साल सिपाही भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक होने पर खूब हल्ला हुआ था। इसके बाद एसटीएफ ने लम्बी जांच की थी और कई सनसनीखेज खुलासे किए थे। उस समय कई जगह से पर्चा लीक होने की बात सामने आई थी। जैसे-जैसे जांच बढ़ती गई, वैसे-वैसे सनसनीखेज खुलासे होते गए। इसमें अरबों रुपये अभ्यर्थियों से पर्चा देने के नाम पर वसूले गए। लखनऊ, प्रयागराज, गुड़गांव, अहमदाबाद समेत कई शहरों में बिसात बिछा दी गई थी। मास्टर माइंड राजीव नयन, सुभाष प्रकाश, रवि अत्री और डॉ. शरद की गिरफ्तारी के साथ ही यह खुलासा हो गया कि कहां-कहां कितनी रकम वसूली गई। इस दौरान ही टीसीआई के संचालक और कर्मचारियों की भूमिका का खुलासा हुआ था।

कर्मचारियों ने खोली थी संचालक की पोल

ईडी सूत्रों के मुताबिक वेयरहाउस के संचालक की पोल उसके ही कर्मचारियों ने खोली थी। इन कर्मचारियों ने ही बताया कि रवि अत्री और सुभाष प्रकाश कई बार वेयर हाउस आए थे। इनके साथ संचालक काफी देर तक बात करते रहते थे। उस समय ही यहां रखे जाने वाले पर्चों के बंडल खोलकर लीक करने की बात तय हुई थी।

खातों में मिली काफी रकम

जांच में संचालक और उनके तीन करीबियों के खाते में कुछ समय में ही बड़े लेन-देन हुए। रकम जमा हुई और कुछ समय बाद ही निकाल ली गई। इसका ब्योरा जुटाने के बाद ही ईडी ने संचालक को पूछताछ के लिए नोटिस दिया था। संचालक अभी तक ईडी के सामने नहीं आया है। ईडी सूत्रों का कहना है कि अगर दोबारा नोटिस देने पर संचालक नहीं आता है तो टीम अहमदाबाद भेजी जाएगी।

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