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बायोमैट्रिक की बजाय ऐप से हाजिरी लगाएंगे छात्र, 75 फीसदी से कम एटेंडेंस पर नहीं मिलेगी स्कॉलरशिप

  • ग्रुप वन के कोर्स वाले पिछड़ा वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति के लिए अब बायोमेट्रिक की जगह ऐप से फेशियल अटेंडेंस लगानी होगी। अगर अटेंडेंस 75 प्रतिशत से कम उपस्थिति रही तो उन्हें स्कॉलरशिप से हाथ धोना पड़ जाएगा।

Pawan Kumar Sharma हिन्दुस्तान, कानपुर, प्रमुख संवाददाताMon, 21 Oct 2024 09:39 PM
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ग्रुप वन के कोर्स वाले पिछड़ा वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति के लिए अब ऐप से फेशियल अटेंडेंस लगानी होगी। अटेंडेंस 75 प्रतिशत से कम होने पर छात्रवृत्ति से वंचित होना पड़ेगा। छात्रवृत्ति की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने ग्रुप वन के कोर्स के लिए यह व्यवस्था लागू की थी। कॉलेजों को अपने खर्च पर मशीन लगानी थी। कॉलेज प्रबंधकों ने अतिरिक्त बोझ को लेकर विरोध जताया, जिसके बाद शासन स्तर पर अधिकारियों ने बायोमेट्रिक अटेंडेंस की व्यवस्था में बदलाव कर दिया। ऐप के जरिए फेशियल अटेंडेंस को लागू किया है। ऐप की खासियत है कि यह कॉलेज परिसर में ही ओपन होता है। जीपीएस लोकेशन के आधार पर हाजिरी लग जाती है।

जिले में 50 कॉलेजों में व्यवस्था

जिले में एमबीबीएस , बीएमएस, बीटेक, एमटेक, बी फार्मा, एमडीएस एमपीटी और एलएलएम जैसे ग्रुप वन के कोर्स वाले 50 कॉलेज हैं। व्यवस्था का तत्काल अनुपालन करने की अनिवार्यता के बावजूद 95 प्रतिशत कॉलेजों में अभी फेशियल अटेंडेंस की व्यवस्था शुरू नहीं हो पाई है। कोर्स पूरा करने के लिए निर्धारित वर्किंग डेज के आधार पर ही 75 प्रतिशत अटेंडेंस को पिछड़ा कल्याण वर्ग विभाग मानेगा। इसी आधार पर छात्रवृत्ति जारी होगी। यदि कोई कॉलेज फेशियल अटेंडेंस की व्यवस्था लागू नहीं करता है। इसके चलते बच्चे छात्रवृत्ति से वंचित होते हैं तो इसका जिम्मेदार कॉलेज प्रबंधन होगा।

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20 नवंबर तक आवेदन कर सकेंगे छात्र

छात्रवृत्ति के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। उन्हीं कॉलेज के छात्र आवेदन कर पा रहे हैं, जिनका मास्टर डाटा लॉक हो चुका है। 20 नवंबर तक छात्रवृत्ति आवेदन की अंतिम तारीख है। इस मामले में जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी बीरपाल का कहना है कि बायोमैट्रिक अटेंडेंस के बजाय अब छात्र फेशियल अटेंडेंस ऐप के जरिए लगा सकेंगे। क्या व्यवस्था अनिवार्य रूप से लागू कर दी गई है।

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