बिजली बिल की मार वाले लोगों को हाउस टैक्स में छूट, योगी कैबिनेट का फैसला
यूपी की योगी सरकार ने बड़े शहरों की तरह छोटे शहरों में भी हाउस टैक्स की वसूली अनिवार्य कर दी है। इसमें उन लोगों को राहत दी गई है जो सीमा विस्तार में गांव से शहरों में शामिल हुए हैं।
यूपी की योगी सरकार ने बड़े शहरों की तरह छोटे शहरों में भी हाउस टैक्स की वसूली अनिवार्य कर दी है। नगर निगमों की तरह नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में रहने वाले अपना हाउस टैक्स स्वयं निर्धारित कर सकेंगे। इसके लिए स्वकर निर्धारण प्रणाली की सुविधा दी गई है। हालांकि शहरी सीमा में शामिल गांवों में पांच साल तक या विकास होने तक हाउस टैक्स नहीं लिया जाएगा। इन लोगों को पिछले ही दिनों बिजली बिल की मार पड़ी है। इन्हें अब शहरी दर से बिजली बिल का भुगतान करना पड़ेगा।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ। इसके लिए उत्तर प्रदेश नगर पालिका (भवन या भूमि या दोनों के वार्षिक मूल्य पर कर) नियमावली-2024 को मंजूरी दी गई है। हाउस टैक्स की वसूली नगर विकास विभाग द्वारा अधिसूचना जारी होने की तिथि से होगी।
प्रदेश में मौजूदा समय 762 निकाय हैं। इनमें 17 नगर निगम, 200 पालिका परिषद और 545 नगर पंचायतें हैं। नगर निगमों में अनिवार्य रूप से हाउस टैक्स वसूली के लिए तो नियमावली है, लेकिन नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में इसके लिए कोई नियमावली नहीं है। इसके चलते पालिका परिषदों और नगर पंचायतों में अनिवार्य रूप से हाउस टैक्स की वसूली नहीं हो पा रही है। इतना ही नहीं निकाय अध्यक्ष बोर्ड की मंजूरी से हाउस टैक्स वसूली में मनमाना छूट भी दे देते हैं। यही वजह है कि नगर निगमों को छोड़ दिया जाए तो प्रदेश के सभी पालिका परिषदों और नगर पंचायतों में हाउस टैक्स की वसूली नहीं हो पा रही है।
नगर विकास विभाग ने बड़े शहरों की तर्ज पर छोटे शहरों में हाउस टैक्स वसूली के लिए तैयार प्रस्ताव में यह तर्क दिया है कि अमृत-दो के दिशा-निर्देश में अनिवार्य सुधारों में भी हाउस टैक्स की वसूली अनिवार्य है। इसी तरह केंद्रीय वित्तीय मंत्रालय ने 15वें वित्त आयोग की धनराशि देने के लिए भी न्यूनतम फ्लोर दर अधिसूचित किया गया है। नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में हाउस टैक्स वसूली के लिए नियमावली न होने से केंद्रीय वित्त आयोग की धनराशि नहीं मिल पा रही है। इसलिए भी छोटे शहरों के लिए नियमावली बनाने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में इसके आधार पर नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में हाउस टैक्स की वसूली अनिवार्य की जा रही है। नगर विकास विभाग इसके लिए अधिसूचना जारी करेगा और निकायों को अपने यहां बोर्ड में इसे पास करते हुए स्वकर प्रणाली के तहत अनिवार्य रूप से हाउस टैक्स की वसूली करनी होगी।
फैसले की मुख्य बातें
- छोटे शहरों में हाउस टैक्स वसूली करने संबंधी प्रस्ताव को कैबिनेट ने मार्च 2021 में वापस कर दिया था
- इसमें दो बिंदुओं पर स्थिति स्पष्ट करने को गया था
- पहला- शहरी सीमा में आने वाले गांवों में हाउस टैक्स की वसूली कब से की जाएगी
- दूसरा- भूमि पर भी टैक्स लगाने की बात कही गई थी। कैबिनेट ने कृषि भूमि को लेकर स्थिति स्पष्ट करने को कहा था
- नगर विकास विभाग ने यह स्थिति अब पूरी तरह से स्पष्ट कर दी है
- नए क्षेत्रों में पांच वर्ष के अंदर या फिर जरूरी सुविधाएं दिए जाने के बाद
- कृषि की जमीन पर किसी तरह का टैक्स नहीं लिया जाएगा।
कैसे जमा करेंगे हाउस टैक्स
नगर निगमों की तरह नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में भवन स्वामी स्वयं निकायों में जाकर फार्म-ख लेकर हाउस टैक्स तय कर सकेगा। इसमें उसे अपने घर का निर्मित क्षेत्र को जोड़ेगा और निकायों द्वारा तय सर्किल दर के आधार पर इसे निर्धारित करते हुए जमा करेगा। निकायों द्वारा इसका सत्यापन कराया जाएगा और सही होने पर हाउस टैक्स तय करते हुए जमा किया जाएगा।
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