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यादवजी को निलंबित कर दिया, विस में ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के बोलते ही क्यों भड़की सपा, प्रदर्शन, वाकआउट

एक शिकायत आयी तो मैंने 'यादव जी' को निलंबित कर दिया। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के विधानसभा में यह बोलते ही सपा ने विरोध जताया। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने इसे कार्यवाही से निकालने की मांग की।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तान, लखनऊMon, 29 July 2024 01:11 PM
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उत्तर प्रदेश विधानसभा में मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को  बिजली आपूर्ति की बदहाली पर चर्चा कराए जाने की मांग नहीं माने जाने और ऊर्जा मंत्री के बयान के विरोध में समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्यों ने आसन के निकट जमकर हंगामा तथा प्रदर्शन किया और सदन से बहिर्गमन कर गए। प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने प्रश्नकाल के बाद सदन में बिजली बिल वसूली को लेकर विभागीय अधिकारियों द्वारा उपभोक्ताओं और किसानों के कथित उत्पीड़न की शिकायत के जवाब में कहा कि कल ही मैं बलिया गया था, एक शिकायत आयी तो मैंने एक 'यादव जी' को निलंबित कर दिया। एक व्यक्ति से धनराशि मांगने का मामला आया था तभी 'यादव जी' को निलंबित किया।

शर्मा के 'यादव' शब्द बोलने पर हस्तक्षेप करते हुए नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि मंत्री ने कई बातों का समुचित उत्तर नहीं दिया। मंत्री ने यह नहीं कहा कि 'इंजीनियर' को सस्पेंड किया, बल्कि यह कहा कि 'यादव' को सस्पेंड कर दिया, इस सदन की कार्यवाही से निकाला जाए। अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि 'यादव' हो या 'महाना' कोई गलती करेगा तो निलंबित किया जाएगा। इसके पहले पीठसीन अधिकारी सिद्धार्थनाथ सिंह ने सपा सदस्यों की सदन की कार्यवाही रोककर चर्चा कराये जाने की मांग को मानने से इनकार कर दिया था।

इसके बाद सपा सदस्य मंत्री शर्मा पर माफी मांगने का दबाव बनाते हुए अध्यक्ष के आसन के निकट आकर नारेबाजी करने लगे-'बिजली-पानी दे न सके जो वो सरकार निकम्मी है, जो सरकार निकम्मी है, वह सरकार बदलनी है।'' अध्यक्ष महाना ने बार-बार अनुरोध किया कि सदस्य अपनी सीट पर ले जाएं लेकिन वे लोग चर्चा कराए जाने की मांग पर अड़े रहे। चर्चा कराये जाने की मांग पूरी न होने पर सपा सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए।

इसके पहले विधानसभा में सोमवार को प्रश्नकाल के बाद सपा सदस्य आरके वर्मा ने नियम 56 (कार्यस्थगन) के तहत सदन की कार्यवाही रोककर दो घंटे तक बिजली व्यवस्था पर चर्चा कराये जाने की मांग की। सपा के मुख्य सचेतक कमाल अख्तर एवं अन्य विधायकों ने बिजली कटौती, जर्जर तार, किसानों की फसल की बर्बादी और बिजली विभाग द्वारा बिल वसूली के नाम पर कथित उत्पीड़न आदि का मसला उठाया।

 सपा सदस्यों के जवाब में प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने दावा किया कि पूरे देश में सबसे ज्यादा 30,618 मेगावाट बिजली आपूर्ति प्रदेश में हो रही है। इतनी मेगावाट बिजली की आपूर्ति किसी भी राज्य ने अब तक के इतिहास में नहीं की है। उन्होंने विपक्षी सदस्यों की ओर इशारा करते हुए कहा, ''आपकी (सपा) सरकार के समय से योगी जी की सरकार ढाई गुना अधिक बिजली दे रही है।

शर्मा ने यह भी कहा कि सपा सरकार में डेढ़ लाख मजरे ऐसे थे जहां विद्युतीकरण नहीं हुआ लेकिन 2017 के बाद एक लाख 21 हजार मजरों का विद्युतीकरण किया गया। उन्होंने कहा कि 97 करोड़ रुपये की योजना 20 हजार मजरों के लिए मंजूर की गयी है। 

शर्मा ने बिजली विभाग में अपनी सरकार की सिलसिलेवार उपलब्धियां गिनाईं और बदहाली का ठीकरा पूर्ववर्ती गैर भाजपा सरकरों पर फोड़ा। उन्होंने बताया कि सरकार ने किसानों का बिजली बिल माफ कर दिया है। बिजली व्यवस्था की बदहाली को लेकर कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा 'मोना' ने भी कार्यस्थगन के तहत एक और प्रस्ताव देकर चर्चा कराये जाने की मांग की। मिश्रा ने आरोप लगाया कि कहानी कुछ और है, विधानसभा में फसाना कुछ और सुनाया जा रहा है। बिजली व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है।इस पर शर्मा ने कहा कि कांग्रेस की सरकारों में इतनी बदहाल व्यवस्था थी कि हम लोगों ने ''स्नातक और परास्नातक की पढाई ढिबरी की रोशनी में की है।

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