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Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Why did BJP lose in UP what are the reasons for the decrease in votes BJP s Special 80 will give report in the next ten days

यूपी में भाजपा क्यों हारी, वोट घटने के क्या कारण, बीजेपी की स्पेशल-80 अगले दस दिन में देगी रिपोर्ट

भाजपा नेतृत्व ने यूपी में हार की समीक्षा के लिए 80 पदाधिकारियों की 40 टीमें बनाई है। हर टीम के जिम्मे दो लोकसभा सीटें हैं। यह लोग विस्तृत रिपोर्ट अगले दस दिन में तैयार कर 25 तक नेतृत्व को सौपेंगे।

Yogesh Yadav हिन्दुस्तान, लखनऊFri, 14 June 2024 03:52 PM
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भाजपा नेतृत्व ने यूपी में पार्टी की हार के कारणों की रिपोर्ट तलब की है। सबसे ज्यादा बेचैनी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की सीटों पर जीत का अंतर घटने से है। 25 जून तक प्रदेश नेतृत्व को कारणों सहित विस्तृत रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को सौंपनी है। पार्टी की प्रदेश इकाई ने हार के कारणों की दो स्तरों पर समीक्षा शुरू की है। एक ओर क्षेत्रवार प्रत्याशियों से उनकी हार का फीडबैक लिया जा रहा है। वहीं शनिवार से पार्टी की टास्क फोर्स हार के कारण खोजने 80 लोकसभा सीटों पर निकलेगी। यह टीमें चुनाव क्यों हारे, वोट घटने के क्या रहे कारण और आगे क्या होना चाहिए, जैसे सवालों के जवाब खोजेंगी। हर टीम में दो सदस्य हैं और एक टीम को दो लोकसभा क्षेत्र दिए गए हैं। 

भाजपा ने इस बार यूपी की 80 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा था। मगर पार्टी 33 और एनडीए 36 के आंकड़े पर अटक गया। यूपी की हार का असर सीधे राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी की सेहत पर पड़ा और भाजपा 240 सीटों तक ही पहुंच सकी। अब केंद्र में तीसरी बार मोदी सरकार बनने के साथ ही हार के कारणों की समीक्षा का सिलसिला भी शुरू हो गया है। भाजपा की चिंता का मुख्य कारण प्रदेश में वोट शेयर का 8 फीसदी से अधिक घटना है। खासतौर से वाराणसी और लखनऊ सीटों पर जीत का अंतर घटने से लखनऊ से लेकर दिल्ली तक हड़कंप है। शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय पर हार की समीक्षा के लिए लोकसभा क्षेत्रों में भेजी जाने वाली टीमों की बैठक हुई।

बैठक में प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने सिलसिलेवार समझाया कि समीक्षा में किन बिंदुओं पर फोकस करना है। उन कारणों का पता लगाना है, जिनके कारण परिणाम हमारे पक्ष में नहीं आए। जिस प्रकार के परिणाम आए हैं, उस जनादेश को हमने सहजता से स्वीकार किया है। कार्यकर्ताओं से चर्चा करके हार के कारणों को जानने का प्रयास करना है।

सबसे संपर्क कर जानें जमीनी कारण
प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने कहा कि हर टीम को हार के कारणों की जमीनी स्तर पर पड़ताल करनी है। फोटो के चक्कर में फंसे बिना सबसे संपर्क कर जानना है कि वोट प्रतिशत किन कारणों से कम हुआ। संविधान बदलने के आरोपों के अलावा भी क्या कोई और कारण रहे। सारे कारणों का जिक्र रिपोर्ट में होना चाहिए। सभी टीमों से मंडल और जिला इकाइयों, विधानसभा संयोजकों, पूर्व प्रत्याशियों, लोकसभा संयोजकों, प्रभारियों सहित अन्य लोगों से संपर्क कर असल कारणों की पड़ताल करनी है। सभी टीमों को 20 जून तक अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी।

इन बिंदुओं पर पड़ताल करेंगी टीमें
भाजपा की टास्क फोर्स की टीमें क्षेत्र में कई बिंदुओं पर जानकारी एकत्र करेंगी। मसलन, जातीय समीकरण कैसे गड़बड़ाए। कौन सी जातियों पार्टी से छिटकीं और इसके क्या कारण रहे। स्थानीय संगठन की चुनाव में कितनी सक्रियता रही। प्रत्याशी को लेकर किस तरह की स्थिति थी। कार्यकर्ताओं की नाराजगी के क्या कारण रहे। चुनाव लड़ने के दौरान क्या खामियां रहीं। बैठक में पूर्व मंत्री डा. महेंद्र सिंह, मुकुट बिहारी वर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक, दिनेश शर्मा, संतोष सिंह, ब्रज बहादुर, मोहित बेनीवाल, धर्मेंद्र सिंह सुरेश राना, राज्यसभा सांसद नवीन जैन, अवध के क्षेत्रीय अध्यक्ष कमलेश मिश्रा, पश्चिम क्षेत्र के अध्यक्ष सतेंद्र सिसोदिया, अर्चना मिश्रा, हरीश भाटी, विधायक राजीव गुंबर, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष अनिल यादव, विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल, प्रदेश महामंत्री अमरपाल मौर्य, सुभाष यदुवंश, रामप्रताप चौहान व अनूप गुप्ता, डा. समीर सिंह, एमएलसी रामचंद्र प्रधान सहित अन्य मौजूद रहे। 

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