राम का विरोध जिसने किया वह बेसहारा हो गया : योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ(Yogi Adityanath) ने कहा है कि यह मान्यता नहीं, वास्तविकता है कि राम का जिसने साथ दिया वह ओजस्वी बना। जैसे हनुमान जी घर-घर पूजे जाते हैं और रामायण लिखकर महर्षि वाल्मीकि...
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ(Yogi Adityanath) ने कहा है कि यह मान्यता नहीं, वास्तविकता है कि राम का जिसने साथ दिया वह ओजस्वी बना। जैसे हनुमान जी घर-घर पूजे जाते हैं और रामायण लिखकर महर्षि वाल्मीकि अमर हो गए। राम का विरोध जिसने किया, वह असहाय और बेसहारा बन गया। जैसे राम का विरोध करने वाले मारीचि का जीवन बोझ बन गया। योगी राज्यपाल राम नाईक के आमंत्रण पर राजभवन में आयोजित गीत रामायण कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि की हैसियत से बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि विदेशों में भी लोग राम के प्रति आस्था रखते हैं। राम के नाम की ताकत है कि स्वर्गीय गदि माडगुलकर एवं स्वर्गीय सुधीर फड़के की जन्म शताब्दी पर गीत रामायण के चार कार्यक्रम वाराणसी, आगरा, मेरठ और राजभवन लखनऊ में आयोजित किए गए। उन्होंने कहा कि राजभवन में 'गीत रामायण' वास्तव में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर बापू को श्रद्धांजलि है।
यूपी-महाराष्ट्र का रिश्ता राम के जमाने से : राम नाईक
इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि 'राज्यपाल के नाते 'प्रोटोकाल' के तहत मैं सबसे अंत में बोलता हूं, पर आज वह प्रोटोकाल तोड़ रहे हैं, क्योंकि इस कार्यक्रम के वह संयोजक भी हैं।' यह प्रसन्नता की बात है कि राजभवन में वर्ष का पहला कार्यक्रम 'गीत रामायण' से शुरू हो रहा है। राज्यपाल ने कहा कि लोकमान्य तिलक के अजर-अमर उद्घोष 'स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा' के 101 वर्ष पूर्ण होने के कार्यक्रम का आयोजन लोकभवन में हुआ था। इसमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री भी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फडणवीस के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान का अनुबंध हुआ था। नाईक ने उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के रिश्तों को परिभाषित करते हुये कहा कि दोनों प्रदेशों का रिश्ता प्रभु राम चन्द्र के जमाने से है।
यूपी के अमिताभ महानायक हो गए: दीक्षित
विधान सभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि यूपी और महाराष्ट्र का संबंध बहुत गाढ़ा है। जैसे यूपी के अमिताभ बच्चन महाराष्ट्र गये और महानायक हो गये।
दस गीतों की संगीतमय प्रस्तुति गीत रामायण में आनन्द माडगुलकर ने अपनी सुरमधुर आवाज में गीत रामायण के 56 गीतों में से दस गीतों की संगीतमय प्रस्तुति से पूरा माहौल भक्ति के रंग में सराबोर कर दिया।