शाइस्ता और जैनब की कौन कर रहा मदद? अतीक के बेटों के कुछ और दोस्त आए एसटीएफ के रडार पर, सात खातों की जांच शुरू
अतीक परिवार ने कई खातों के जरिए बड़ी रकम इधर से उधर ट्रांसफर की थी। अतीक-अशरफ हत्याकांड के बाद भी कई खातों से रुपये ट्रांसफर हुए। जांच में अतीक के बेटों के कई दोस्तों के नाम सामने आए हैं।
Mafia Atiq Ahmad: उमेश पाल हत्याकांड के बाद से फरार माफिया अतीक अहमद की बीवी शाइस्ता परवीन और उसके भाई अशरफ की बीवी जैनब का मददगार कौन है? शाइस्ता-जैनब और इस केस के अन्य फरार अपराधियों की तलाश में जुटी पुलिस और एसटीएफ ने आईएस 227 गैंग के मेंबरों की अवैध संपत्तियों को जब्त करने के साथ ही अतीक परिवार से जुड़े कई लोगों के बैंक खातों की जानकारी जुटानी शुरू की है। इसमें अतीक के बेटों के कुछ और दोस्त एसटीएफ के रडार पर आ गए हैं।
उमेश पाल हत्याकांड से पहले अतीक परिवार ने कई खातों के जरिए बड़ी रकम इधर से उधर ट्रांसफर की थी। अतीक-अशरफ हत्याकांड के बाद भी कई खातों से रुपये ट्रांसफर हुए। गैंग मेंबरों, परिवार के सदस्यों की गिरफ्तारी और पूछताछ से अतीक के बेटों के कई दोस्तों के नाम सामने आए। सुराग मिला कि लखनऊ जेल में बंद अतीक के बड़े बेटे उमर के दोस्त, नैनी सेंट्रल जेल में बंद अली के दो दोस्तों के खातों में बड़ी रकम ट्रांसफर कर मंगाई गई थी।
इसी प्रकार एनकाउंटर में मारे गए अतीक के बेटे असद के उस दोस्त के खाते में रुपये आए थे जिसने असद का एटीएम इस्तेमाल कर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की थी। अतीक के बेटों के दोस्तों के खातों से लाखों की यह रकम किसको भेजी गई या फिर कहां से आई, इसे लेकर पुलिस जांच कर रही है। इस संबंध में सात बैंक खातों को चिह्नित कर जानकारी मांगी गई है। अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन, अशरफ की पत्नी जैनब फातिमा समेत परिवार के कई लोग फरार हैं। शूटर भी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। ऐसे में पुलिस और एसटीएफ जांच में जुटी है कि इन खातों के जरिए तो रुपये की मदद तो नहीं पहुंचाई गई। अतीक के बेटे अहजम के दोस्त अतिन जफर की गिरफ्तारी के बाद कई और दोस्तों के बारे में पुलिस को जानकारी मिली थी।
दोहरे हत्याकांड की सुनवाई आज
अतीक अहमद और अशरफ हत्याकांड की सुनवाई 3 नवंबर को होगी। पूर्व की तारीखों पर आरोपितों के अधिवक्ताओं के उपस्थित नहीं रहने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी थी। तीनों हत्यारोपित सनी सिंह, लवलेश तिवारी व अरुण मौर्य प्रतापगढ़ की जिला जेल में निरुद्ध हैं। इन्हें कोर्ट में जरिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पेश किया गया था। आरोपितों के विरुद्ध एसआईटी ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में 13 जुलाई को आरोप पत्र दाखिल किया था। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार गौतम ने आरोप पत्र पर संज्ञान लेने के बाद मुकदमे को परीक्षण हेतु सत्र न्यायालय को सुपुर्द करने का आदेश दिया था। यह जानकारी जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी गुलाब चंद्र अग्रहरि ने दी।
अतीक अहमद के गनर की जमानत अर्जी खारिज
अतीक अहमद के गनर रहे अजय खुराना का जमानत प्रार्थना पत्र सत्र न्यायालय ने खारिज कर दिया है। इस पर पांच करोड़ रुपये फिरौती मांगने का आरोप है। यह आदेश सत्र न्यायाधीश संतोष कुमार राय ने आरोपित के प्रार्थना पत्र पर उसके अधिवक्ता के तर्कों एवं जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी गुलाबचंद अग्रहरि के तर्कों तथा पुलिस की ओर से प्रस्तुत किए गए कागजातों एवं सबूत का अवलोकन करने के बाद दिया। कोर्ट ने कहा कि मामले की परिस्थितियों अपराध की गंभीरता एवं उसमें संलिपता को देखते हुए जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने का कोई पर्याप्त आधार नहीं है।