आधार लिंक होते ही मदरसों से कहां गायब हो गए हजारों छात्र? क्या पूरा मामला
आधार लिंक होते ही फर्रुखाबाद जिले के 100 मदरसों से 10 हजार छात्र कम हो गए हैं। छात्र संख्या कम होने के तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
यू डायस ने स्कूलों और मदरसों में छात्र पंजीकरण में चल रहे खेल को बेनकाब कर दिया है। आधार लिंक होते ही फर्रुखाबाद जिले के 100 मदरसों से 10 हजार छात्र कम हो गए हैं। छात्र संख्या कम होने के तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
अभी तक मदरसों में छात्र संख्या बढ़ाकर जमकर खेल होता था। फर्जी छात्र संख्या दर्शाकर छात्रवृत्ति का भी बंदरबांट होता था लेकिन अब आधार और यू डायस कोड जारी होने से मदरसों में छात्रों की अधिक संख्या दर्शाने का खेल मानो अब खत्म होने लगा है। यू डायस की माने तो पिछले वर्ष 100 मदरसों में 28184 छात्र छात्राएं पंजीकृत थे। लेकिन आधार से लिंक होते ही अब 17569 छात्र छात्राएं ही पंजीकृत रह गए हैं। देखा जाए तो आधार से लिंक और यू डायस मिलने के बाद से इस बार छात्र चस्त्रत्तओं की संख्या 10 हजार से अधिक घट गई है। हालांकि जिम्मेदार यह मानते हैं कि इस बार छात्र छात्राओं का पंजीकरण कम हुआ है।
लेकिन इसके पीछे की हकीकत को परखा जाए तो बीते कई वर्षों से मदरसों में छात्र छात्राओं की संख्या अधिक दिखाकर खेल किए जाते रहे है। कई मदरसा प्रबंधक तो जिम्मेदारों से सांठगांठ कर इसके कई लाभ उठाते रहे हैं लेकिन अब आधार लिंक होने के बाद से मदरसा संचालक भी पसोपेश में हैं।
जिला अल्पसंख्यक अधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि इस बार मदरसों में छात्र छात्राओं का पंजीकरण कम हुआ है। समय भी कम मिल पाने से ऐसा हुआ है। मदरसों को सूचित किया गया है कि 31 अगस्त तक पूरा डाटा उपलब्ध कराएं। मदरसों में छात्र छात्राओं की संख्या बढ़ाकर छात्रवृत्ति निकालने की बात कितनी सही है यह अलग बात है दो वर्ष से तो छात्रवृत्ति आई ही नहीं है।
परिषदीय विद्यालयों में घटे छात्र
आधार लिंक और यू डायस नंबर से परिषदीय विद्यालयों में छात्र छात्राओं की संख्या में कमी आई है। अभी तक परिषदीय विद्यालयों में जो छात्र छात्राएं पंजीकृत थे उसमे ऐसे भी थे जो कांवेंट स्कूलों में भी एडमिशन कराए हुए थे। लेकिन यू डायस कोड जारी होने और आधार लिंक होने के बाद से ऐसे छात्र छात्राओं का डाटा सामने निकल कर आ गया गया है। बताया जा रहा है कि परिषदीय विद्यालयों में भी लगभग 8 से 10 हजार छात्र छात्राओं की संख्या में कमी आई है।