निघासन का फैसलाः सगी बहनों से गैंगरेप और हत्या में दो आरोपियों को उम्रकैद, दो को छह-छह साल की सजा
लखीमपुर के चर्चित निघासन कांड में अदालत ने सोमवार को अपना फैसला सुना दिया। सगी दलित बहनों से गैंगरेप और हत्या के आरोप में दो आरोपियों को उम्रकैद और दो को छह साल की सजा सुनाई गई है।
लखीमपुर के निघासन क्षेत्र में करीब 11 माह पहले दो दलित बहनों की गैंगरेप के बाद हत्या और शवों को लटका देने के मामले में सोमवार को अदालत ने चारों आरोपियों को सजा सुनाई। एडीजे राहुल सिंह ने दो आरोपियों सुनील और जुनैद को सामूहिक दुराचार व हत्या समेत कई आरोपों में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही, दोनों को 46-46 हजार रुपये जुर्माना भरने का भी आदेश दिया है।
इसके साथ ही अपराध के सुबूत मिटाने के दोषी आरिफ और करीमुद्दीन को छह-छह वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है और पांच-पांच हजार रुपये जुर्माना भरने का आदेश दिया है। एडीजे राहुल सिंह ने अपने फैसले में कहा है कि पाक्सो एक्ट में दोषी करार दिए गए और उम्रकैद की सजा पाने वाले सुनील व जुनैद को अपनी अंतिम सांस तक जेल में रहना होगा।
अभियोजन की पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक बृजेश कुमार पांडे ने बताया कि 14 सितम्बर 2022 को निघासन थाना क्षेत्र के एक गांव में दो सगी दलित बहनों के साथ सामूहिक दुराचार के बाद उनकी हत्या कर शवों को लटका दिया गया था। मामले की विवेचना के लिये गठित एसआईटी ने मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
मामले की सुनवाई पॉक्सो कोर्ट में फास्ट ट्रैक तरीके से हुई। अभियोजन ने मामले को साबित करने के लिए वादिनी, विवेचक और डॉक्टर समेत कई गवाहों को कोर्ट में पेश करने के साथ ही कई दस्तावेजी और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य भी पेश किए थे। 11 अगस्त को अदालत ने चार आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाने के लिए 14 अगस्त की तारीख मुकर्रर की थी। अदालत ने सोमवार को सजा के बिंदु पर अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें सुनी।
अभियोजन की पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक बृजेश पांडे ने आरोपियों के अपराध को क्रूरतम और जघन्यतम बताते हए उन्हें फांसी की सजा देने की मांग की जबकि बचाव पक्ष ने तमाम दलीलें देते हुए आरोपियों को कम से कम सजा देने की अपील की।
भोजनावकाश के बाद एडीजे राहुल सिंह ने आरोपी सुनील और जुनैद को आजीवन कारावास के साथ ही 46-46 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई जबकि सबूत मिटाने के आरोपी आरिफ व करीमुद्दीन को छह-छह साल के कठोर कारावास समेत पांच-पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
कब क्या हुआ
14 सितंबर 2022--निघासन थाना क्षेत्र में दो दलित किशोरियों की दुराचार के बाद हत्या
15 सितंबर 2022-एफआइआर दर्ज, पुलिस ने किया केस का खुलासा, छह गिरफ्तार
28 सितंबर 2022- एसआईटी ने आरोपपत्र दाखिल किया।
30 सितंबर 2022-- आरोपियों पर आरोप तय किये गए।
तीन अक्तूबर 2023-अभियोजन ने पेश किया पहला गवाह
13 मई 2023--अभियोजन की बहस पूरी
12 जून 2023--बचाव पक्ष की बहस शुरू
7 अगस्त - बचाव पक्ष की बहस पूरी, फैसले के लिए 11 अगस्त की तारीख तय
11 अगस्त- अदालत ने चार आरोपियों को दोषी करार दिया
14 अगस्त- दो आरोपियों को उम्रकैद और दो को छह-छह साल की सजा