Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़UP Weather: Heat will trouble UP from tomorrow heat wave will rise Meteorological Department told when there will be relief

UP Weather: यूपी में कल से खूब सताएगी गर्मी, लू का चढ़ेगा पारा, मौसम विभाग ने बताया कब राहत

यूपी में कल से गर्मी और ज्यादा सताएगी। लू का पारा भी चढ़ेगा। मथुरा में पारा 44.7 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है।कई जिलों में 40 के ऊपर ही पारा टिका हुआ है। नया पश्चिमी विक्षोभ 21 से राहत दे सकता है।

Yogesh Yadav हिन्दुस्तान, लखनऊWed, 15 May 2024 11:21 PM
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गर्मी एक बार फिर अपने तेवर दिखा रही है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिन यानि 17 से 19 मई के बीच प्रदेश में कई स्थानों पर लू चलने की चेतावनी जारी की है। दिन के तापमान में बढ़ोतरी भी हो सकती है। 
आंचलिक मौसम विज्ञान केन्द्र से मिली जानकारी के अनुसार इस लू और तपन से 21 मई से पूर्वी उत्तर प्रदेश के जनजीवन को कुछ राहत मिलने के आसार बन रहे हैं। 17 मई से हिमालयी क्षेत्र में एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा जो आगे चलकर 21 मई से पूर्वी उत्तर प्रदेश में बारिश और गरज चमक के साथ बौछारें दे सकता है। 

बुधवार को प्रदेश में अधिकांश स्थानों पर दिन का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहा। कानपुर में दिन में पारा 43 डिग्री, कन्नौज में 42 सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं आगरा और फिरोजाबाद में 44 डिग्री रहा। प्रदेश में सर्वाधिक गर्म स्थान मथुरा रहा जहां अधिकतम पारा 44.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। 
यूपी के अलावा बिहार,राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में भी तापमान बढ़ने और लू चलने के आसार हैं।

हालांकि दक्षिण और पूर्वी भारत के कई  राज्यों में  बारिश होने का मौसम विभाग ने अनुमान जताया है। अगले चार दिनों के दौरान, उत्तर-पश्चिम और पूर्वी भारत के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान में लगभग 3-4 डिग्री सेल्सियस, मध्य भारत और गुजरात में अगले चार-पांच दिनों के दौरान लगभग दो-चार डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने के आसार हैं।

तीस साल में लू से सर्वाधिक मौतें भारत में
दुनिया भर में प्रति वर्ष 1.53 लाख से अधिक मौतें भीषण गर्मी या लू के कारण होती हैं। इनमें से सबसे ज्यादा 20 फीसदी मौतें भारत में होती हैं। एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है। पिछले 30 वर्षों से अधिक के आंकड़ों के आधार पर यह अध्ययन किया गया। भारत के बाद चीन और रूस का स्थान है, जिनमें से प्रत्येक में क्रमश: लगभग 14 फीसदी और आठ फीसदी मौतें भीषण गर्मी से जुड़ी होती हैं। मोनाश विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया के नेतृत्व में किए गए अध्ययन में पाया गया कि लू से जुड़ी मौतें गर्मी से संबंधित सभी मौतों का लगभग एक तिहाई और वैश्विक स्तर पर कुल मौतों का एक प्रतिशत है। 

जलवायु परिवर्तन से बढ़ रही गर्मी
जलवायु वैज्ञानिकों ने मौसम के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि बीते अप्रैल में जिस तरह गर्मी पड़ी, उसके पीछे जलवायु परिवर्तन बड़ा कारण है। इसी तरह की भीषण गर्मी का सामना प्रत्येक 30 साल में एक बार करना पड़ सकता है और जलवायु परिवर्तन के कारण पहले से ही इसकी संभावना लगभग 45 गुना अधिक हो गई है।

वर्ल्ड वेदर एट्रिब्यूशन समूह नामक वैज्ञानिकों की टीम ने इस बात पर जोर दिया कि जलवायु परिवर्तन के कारण प्रचंड लू पूरे एशिया में गरीबी में रहने वाले लोगों के जीवन को और अधिक मुश्किल बना रही है।  

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