UP Floods: यूपी के 17 जिलों में बाढ़ से मुसीबत, आज भी भारी बारिश के आसार
राहत आयुक्त उत्तर प्रदेश की रिपोर्ट के अनुसार कुल मिलाकर 17 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। खतरे के निशान से ऊपर बहने वाली नदियों के आस-पास के इलाके में बाढ़ग्रसित गावों में राहत और बचाव कार्य जारी है।
मौसम विभाग ने सोमवार को पूर्वी उत्तर प्रदेश में भारी बारिश होने या गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने का यलो अलर्ट जारी किया था। सुबह से ही कई इलाकों में बारिश हो रही है। वहीं मंगलवार और बुधवार को राज्य में हल्की से मध्यम बारिश होने या गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने का अनुमान है। गुरुवार 18 जुलाई को पूर्वी उत्तर प्रदेश में भारी बारिश हो सकती है। लेकिन यूपी के 17 जिले अभी तक बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। बारिश और नदियों के बढ़ते जलस्तर के कारण 17 जिलों के गांवों पर बाढ़ का असर है।
हालांकि कुछ उफनाई नदियों का जलस्तर या तो घट रहा है या फिर स्थिर है लेकिन अब भी 17 जिलों में बाढ़ के पानी से आफत मची हुई है। बलिया, मऊ और आजमगढ़ में बहने वाली सरयू नदी के जलस्तर में लगातार घटाव जारी है। उतरती लहरें तटवर्तियों की नींद उड़ा दी हैं। कृषि योग्य भूमि के साथ ही आशियाने नदी में समाहित हो रहे हैं। तापमान में 1.5 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। अधिकतम तापमान 35.9 दर्ज किया गया। शाहजहांपुर में कनौट, गर्रा और रामगंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर जाने की वजह से तमाम गांव और मुख्य मार्ग बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं।
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दूसरी ओर सीतापुर में गोमती, बलिया में सरयू, आजमगढ़ में घाघरा, हरदोई में गर्रा और मऊ में सरयू खतरे के निशान को पार कर चुकी है। राप्ती, गर्रा और कुआनो का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। राप्ती का पानी 23 सेंटीमीटर बढ़ा है। यह लगातार खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। यह नदी रविवार को एक मीटर 33 सेंटीमीटर खतरे के निशान के पास पहुंच गई है। सबसे राहत की बात यह है कि सरयू नदी का जलस्तर लगातार तीसरे दिन भी गिरा है। नदी 24 घंटे में 24 सेंटीमीटर घटी है। इसी तरह रोहिन नदी का जलस्तर भी रविवार को 12 सेमी नीचे आया है जबकि एक दिन पहले रोहिन के जलस्तर में 33 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। रोहिन नदी अब खतरे के निशान से केवल दो सेंटीमीटर ऊपर बह रही है।