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ज्ञानवापी से जुड़े दो मामलों में सुनवाई आज, बंद पड़े तहखानों के ASI सर्वे की है मांग

वाराणसी में ज्ञानवापी प्रकरण में दक्षिणी तहखाना की छत की मरमत की अनुमति सबंधित अर्जी पर शुक्रवार को जिला जज की अदालत में सुनवाई होनी है। साथ ही बंद पड़े तहखानों के एएसआई सर्वे की मांग पर सुनवाई होगी।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान टीम, वाराणसीFri, 12 April 2024 09:25 AM
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वाराणसी में ज्ञानवापी प्रकरण में दक्षिणी तहखाना की छत की मरमत की अनुमति सबंधित अर्जी पर शुक्रवार को जिला जज की अदालत में सुनवाई होनी है। मामले में 11 अप्रैल को सुनवाई होनी थी मगर ईद की छुट्टी होने से अब 12 अप्रैल को होगी। पिछली तिथि पर काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी की ओर से अर्जी देकर कहा गया है कि तहखाने के पुजारियों ने छत जर्जर व कमजोर होने से उसके गिरने की आशंका जताई गई है। जिससे जनहानि भी संभव है। ऐसे में सुरक्षा के मद्देनजर छत की मरम्मत की अनुमति और छत पर आवागमन प्रतिबंधित करने का आदेश दिया जाए। 

राखी सिंह की ओर से भी बंद तहखाने और अन्य जगहों का भी वैज्ञानिक तरीके से सर्वे करने की गुहार लगाई गई। इस अर्जी पर भी सुनवाई होनी है। इसको लेकर वाराणसी जिला अदालत में सुनवाई हुई थी। प्रभारी जिला जज अनिल कुमार पंचम की अदालत में दोनों पक्षों ने अपनी अपनी दलील रखी। जहां हिंदू पक्ष ने और भी बेहतर साक्ष्य व प्रमाण के आधार को देखते हुए दो शेष तहखानों की एएसआई सर्वे मांग को आवश्यक बताया वहीं मुस्लिम पक्ष की तरफ से इस पर आपत्ति जताई गई। हालांकि जिला अदालत ने दोनों पक्षों की दलील को सुनने के बाद इस मामले में आगे की तारीख तय की थी।

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आज मां श्रृंगार गौरी की पूजा
बता दें कि आज ज्ञानवापी परिसर में विराजमान मां शृंगार गौरी की पूजा की जाएगी। नवरात्र के चतुर्थ पर ज्ञानवापी की वादिनी महिलाएं पूजा अर्चना करेंगी। इस पूजा में सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णुशंकर जैन भी शामिल होंगे। वादिनि के नेतृत्व में अन्य महिलाएं भी मां ऋृंगार गौरी के दर्शन करेंगी। दर्शन के पहले मैदागिन से शोभायात्रा निकाली जाएगी। इस यात्रा में विष्णु जैन के साथ ही वाराणसी के तमाम धर्माचार्य शामिल होंगे। यह फैसला चेतगंज स्थित सरस्वती वाजनालय में लिया गया। फैसला लेने की बैठक लाल बाबू के अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में धर्म को बचाने के लिए मां गौरी का दर्शन करने की अपील की गई। चैत्र नवरात्र के चतुर्थ दिन 12 अप्रैल को मैदागिन स्थित गोरक्षपीठ से शोभायात्रा प्रारंभ होगी।

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