ज्ञानवापी मस्जिद में जुमे की नमाज से पहले पुलिसबल तैनात, हर छोटे-बड़े धार्मिक स्थल पर लगी फोर्स
यूपी के वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद बनने से पहले वहा मंदिर होने का दावा करने वाली एएसआई की रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद से शहर में सुरक्षाबल तैनात है। जुमे की नमाज से पहले सुरक्षा कड़ी की गई।
वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे रिपोर्ट पक्षकारों को सौंपे जाने के बाद इसे लेकर तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। एहतियात के तौर पर धार्मिक स्थलों पर निगरानी रहेगी। जुमे की नमाज के दौरान आज शहर और देहात में हर छोटे-बड़े धार्मिक स्थलों पर फोर्स तैनात रहेगी। ज्ञानवापी मस्जिद में जुमे की नमाज के पहले से ही पुलिस तैनात रहेगी। गेट नंबर चार से आने-जाने वाले लोगों पर नजर रखी जाएगी। नमाज के बाद भीड़ इकट्ठा न हो, इसे लेकर खास हिदायत दी गई है। शहर के अन्य धार्मिक स्थलों पर भी ऐसी ही चौकसी रखने और नमाज के बाद भीड़ न लगाने देने का निर्देश है।
गणतंत्र दिवस पर सुबह झंडोत्तोलन के बाद से ही फोर्स को अपने क्षेत्र के धार्मिक स्थलों पर तैनात रहने, भ्रमणशील रहने का निर्देश दिया गया था। संवेदनशील, अति संवेदनशील, मिश्रित आबादी वाले इलाकों में पुलिस गश्त भी करेगी। बता दें कि गुरुवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने वैज्ञानिक सर्वे रिपोर्ट में कहा है कि ज्ञानवापी परिसर में मौजूद ढांचा (मस्जिद) से पहले वहां हिन्दू मंदिर था। सर्वे में मंदिर से जुड़े 34 साक्ष्य सामने आये हैं। ढांचे की पश्चिमी दीवार प्राचीन मंदिर की है। जिसके ऊपर दूसरा ढांचा बनाया गया है। वादी पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने गुरुवार को सर्वे रिपोर्ट की कॉपी प्राप्त होने के बाद यह जानकारी दी है।
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17वीं शताब्दी का है ज्ञानवापी का वर्तमान ढांचा
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने अपने वैज्ञानिक सर्वे में पाया है कि वर्तमान ढांचा 17वीं शताब्दी का है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जो पहले स्ट्रक्चर था उसे 17वीं शताब्दी में तोड़ा गया है, जो औरंगजेब का कार्यकाल था। उसके ढांचे का इस्तेमाल मस्जिद बनाने में किया गया है। अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने गुरुवार को बताया कि रिपोर्ट के मुताबिक सर्वे में दौरान वहां काफी संख्या में टूटे हुए पत्थर के अवशेष मिले हैं, जिसकी डिजाइन और उस पर अंकित लिखावट हिन्दू मंदिर होने की बात स्पष्ट करती है। उन्होंने बताया कि यहां टूटे हुए पत्थर का एक हिस्सा मिला है, जो मुख्य मस्जिद के कमरे के अंदर था।