महाभारतकालीन अहिच्छत्र का वैभव बता रहा बरेली का मॉडल किला, यूपी टूरिज्म ने पर्यटक स्थलों की सूची में किया शामिल
यूपी टूरिज्म ने बरेली के महाभारतकालीन अहिच्छत्र को चुनिंदा पर्यटन स्थलों की सूची में शामिल किया है। अहिच्छत्र के इतिहास से पर्यटकों को रूबरू कराने की कोशिश तेज हो गईं हैं।
यूपी टूरिज्म ने बरेली के महाभारतकालीन अहिच्छत्र को प्रदेश के चुनिंदा पर्यटन स्थलों की सूची में शामिल किया है। अहिच्छत्र के इतिहास से पर्यटकों को रूबरू कराने की कोशिश तेज हो गईं हैं। प्रशासन ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रामगंगा तिराहे पर अहिच्छत्र के किले का मॉडल बनाया है, जिसको खूब पसंद किया जा रहा है।
बरेली से करीब 50 किमी दूर रामनगर में महाभारत कालीन अहिच्छत्र का किला है। करीब 200 हेक्टेयर में फैला अहिच्छत्र का किला पांचाल प्रदेश के वैभव और विकास की कहानी बयां करता है। यहां की वास्तुकला लोगों को खूब लुभाती है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) ने अहिच्छत्र को संरक्षित किया है। प्राचीन धरोहर के प्रति पर्यटकों को जागरूक करने की कोशिश तेज हो गईं हैं। रामगंगा तिराहे पर अहिच्छत्र किले का मॉडल बनाया गया है। अहिच्छत्र किले के बारे में यह मॉडल किला लोगों को जानकारी दे रहा है। यहां से गुजरने वाले लोगों की जैसे ही इस पर नजर पड़ती है, वो अहिच्छत्र के विषय में जानकारी लेना चाहते हैं।पर्यटन और प्रशासन के साथ इंडिगो एयरलाइंस भी अपनी वेबसाइट के जरिए लोगों को अहिच्छत्र के बारे में जानकारी दे रहा है।
अहिच्छत्र से खुलेगा रोजगार का रास्ता
अहिच्छत्र में पर्यटकों के आने से रामनगर और आसपास रोजगार के बेहतर अवसर विकसित होंगे। होटल-रेस्टोरेंट खुलेंगे। बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा। बरेली से रामनगर को जोड़ने वाली रोड को भी थ्री लेन किया जा रहा है। सरकार 150 करोड़ की रकम इस रोड पर खर्च कर रही है।
1884 से 2014 तक हुई खुदाई
एएसआई के मुताबिक, प्राचीन स्थल अहिच्छत्र की 1888 से पहले खोज कर ली गई थी। 1888 से 2014 तक लगातार अहिच्छत्र के अलग-अलग हिस्सों में उत्खनन किया गया। अहिच्छत्र के कालक्रम और परिवेश के अलग-अलग पहलुओं के बारे में काफी जानकारी जुटा ली गई है।