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ज्ञानवापी केस के एफटीसी में मूलवाद सहित दो मामलों में सुनवाई आज, हाईकोर्ट के आदेश पर हो रही सुनवाई

ज्ञानवापी प्रकरण के एफटीसी में मूलवाद सहित दो मामलों में सुनवाई आज होनी है। ज्ञानवापी के मूल वाद पर हाईकोर्ट के आदेश पर सुनवाई हो रही है। दूसरा मामला भगवान का मालिकाना घोषित करने का है।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान टीम, प्रयागराजTue, 2 July 2024 08:00 AM
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वाराणसी में सिविल जज सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक प्रशांत कुमार की कोर्ट में मंगलवार को 1991 के मूलवाद में सुनवाई होनी है। हाईकोर्ट के आदेश पर वाद में त्वरित सुनवाई चल रही है। स्वयम्भू अतिप्राचीन आदिविश्वेश्वर के वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी की ओर से पैराकारी चल रही है। उधर, इसी कोर्ट में ज्ञानवापी से जुड़े एक अन्य वाद में सुनवाई होनी है। इस मामले में अंजुमन इंतेजामिया की ओर से वाद पोषणीय नहीं होने का हवाला देते हुए खारिज करने की मांग की गई। प्रकरण के अनुसार ज्योतिर्लिंग आदि विश्वेश्वर विराजमान की तरफ से बड़ी पियरी निवासी इंदु तिवारी और वाद मित्र अनुष्का तिवारी ने ज्ञानवापी स्थित आराजी पर भगवान का मालिकाना हक घोषित करने, केंद्र व राज्य सरकार से भव्य मंदिर निर्माण में सहयोग और ज्ञानवापी की बैरिकेडिंग हटाने की मांग की है। 

पक्षकार बनने की निगरानी अर्जी पर आज सुनवाई 
वाराणसी जिला जज संजीव पांडेय की अदालत में मंगलवार को ज्ञानवापी प्रकरण में लोहता के मुख्तार अंसारी की ओर से दाखिल निगरानी अर्जी पर सुनवाई होनी है। मुख्तार अंसारी की पक्षकार बनाने सबंधित अर्जी 2 मई को सिविल जज सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक प्रशांत कुमार की अदालत ने खारिज कर दी थी। इसके खिलाफ जिला जज की कोर्ट में निगरानी अर्जी दाखिल की गई है।

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10 जुलाई को भी सुनवाई
अपर जिला जज नवम बिनोद कुमार सिंह की अदालत में ज्ञानवापी परिसर स्थित वुजूखाना में गंदगी व शिवलिंग की आकृति पर दिये गये बयान मामले में दाखिल निगरानी अर्जी पर सुनवाई के बाद निगरानी कर्ता की ओर से समय मांगने के बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए दस जुलाई की तिथि नियत की। प्रकरण के अनुसार, वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर पांडे और अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह, हेमलता ने लोअर कोर्ट के आदेश के खिलाफ निगरानी अर्जी दाखिल की है। जिसमें कहा है कि ज्ञानवापी परिसर स्थित वुजूखाने में नमाजियों द्वारा गंदगी फैलाई जा रही है। 

उनका दावा है वह स्थान स्थान हमारे आराध्य देव शिव का है। यह भी कहा है कि शिवलिंग की आकृति को लेकर एआइएमआइएम के अध्यक्ष असुदद्दीन ओवैसी व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सहित कुछ नेताओं ने गलत बयानबाजी कर हिन्दूओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाया था। इसलिए अखिलेश, ओवैसी व अंजुमन इंतजामिया कमेटी के पदाधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए। 

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