अतीक हत्याकांड के एक साल: तीन हत्यारों ने नाम कमाने को कैमरे के सामने उतारा था मौत के घाट
माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या किसने की यह तो सभी ने कैमरे के सामने लाइव देखा लेकिन उनकी हत्या किसने कराई, यह सवाल आज भी लोगों के जेहन है। अतीक हत्याकांड मामले में एसआईटी की जांच जारी है।
माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या किसने की, यह तो सभी ने कैमरे के सामने लाइव देखा लेकिन उनकी हत्या किसने कराई, यह सवाल आज भी लोगों के जेहन है। वहीं पुलिस ने अतीक और अशरफ की हत्या में जिन तीनों शूटरों को जेल भेजा, सिर्फ उन्हीं के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। पुलिस की जांच में कोई चौथा व्यक्ति अब तक सामने नहीं आया है। इस हत्याकांड की जांच के लिए गठित एसआईटी की विवेचना अभी प्रचलित है। पुलिस का कहना है कि कोई नया तथ्य सामने आते ही उसे विवेचना में शामिल किया जाएगा।
अतीक और अशरफ की हत्या के बाद सनी, लवलेश और अरुण को कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई। सनी ने पुलिस को बयान दिया कि जेल में बंद लॉरेंस विश्नोई का भौकाल देखकर वह प्रभावित हुआ था। सोचा कि अतीक और अशरफ की हत्या कर देंगे तो प्रदेश में उनका भी लॉरेंस विश्नोई की तरह नाम हो जाएगा। लारेंस विश्नोई गैंग की मदद से तुर्की की पिस्टल मिली थी। तीनों ने नाम कमाने के लिए कैमरे के सामने सनसनीखेज कांड किया था। पुलिस की जांच में तीनों के अलावा किसी साजिशकर्ता का नाम सामने नहीं आया।
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वहीं लवलेश तिवारी ने कहा कि वह अतीक और अशरफ के आतंक का अंत करने आया था। उसने हत्या नहीं, बल्कि वध किया है। अरुण ने बयान दिया था कि वह सनी के साथ मिलकर बड़ा नाम कमाना चाहता था। पुलिस के आरोप पत्र में इन्हीं तथ्यों को शामिल किया गया है। तीनों शातिरों ने यह भी कहा था कि जब अतीक के बेटे असद को पिस्टल लेकर उमेश पाल की हत्या करने का वीडियो देखा तभी इस तरह से वारदात करने का मन बना लिया था। सनसनी फैलाने के लिए ही तीनों एकत्र हुए और जंक्शन के सामने स्थित एक होटल में कमरा लेकर रुके थे। अतीक हत्याकांड की जांच के लिए गठित एसआईटी की चार्जशीट के बाद तफ्तीश जारी है।