लखनऊ: लोहिया अस्पताल में हत्या, कहासुनी के बाद सिपाही ने युवक को मारी गोली, थाने जाकर किया सरेंडर
लखनऊ के विभूतिखंड स्थित राम मनोहर लोहिया अस्पताल के गेट नंबर चार पर बुधवार शाम को सिपाही आशीष मिश्र ने सीतापुर के प्रवीण सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी। हत्या से पहले दोनों में कहासुनी हुई, जिस पर...
लखनऊ के विभूतिखंड स्थित राम मनोहर लोहिया अस्पताल के गेट नंबर चार पर बुधवार शाम को सिपाही आशीष मिश्र ने सीतापुर के प्रवीण सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी। हत्या से पहले दोनों में कहासुनी हुई, जिस पर प्रवीण जान बचाने के लिये दौड़ा पर सिपाही ने पीछा कर उस पर गोली चला दी।
सीतापुर पुलिस लाइन में तैनात सिपाही आशीष हत्या के बाद वहां से भाग कर सीधे विभूतिखंड कोतवाली पहुंचा और समर्पण कर दिया। उसने पुलिस अफसरों को बताया कि प्रवीण के पिता ध्रुव सिंह हत्या के आरोप में जेल में बंद थे। इस समय उनका लोहिया में इलाज चल रहा है और वह उनकी सुरक्षा में तैनात था।
पिता की देखभाल के लिए आया था प्रवीण
एडीसीपी कासिम आब्दी के मुताबिक मिश्रिख निवासी ध्रुव सिंह उर्फ विनोद के खिलाफ वर्ष 1997 में हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसमें उसे सजा हुई थी। सीतापुर कारागार में बंद ध्रुव सिंह को किडनी की बीमारी है। इलाज के लिए उसे राम मनोहर लोहिया अस्पाल में भर्ती कराया गया था।
कैदी की सुरक्षा के लिए सीतापुर पुलिस लाइन में तैनात बिजनौर निवासी आशीष मिश्रा को भेजा गया था। वह वर्ष 2016 बैच का सिपाही है। 25 मई को आशीष ड्यूटी पर आया था। ध्रुव का बेटा प्रवीण सिंह पिता की देखभाल करने के लिए अस्पताल में ही रहता था। बुधवार शाम प्रवीण गेट नंबर चार के पास मौजूद था, तभी सिपाही आशीष वहां पहुंच गया। दोनों के बीच हाथापाई होने लगी। इसके बाद आशीष ने उसे दौड़ा कर गोली मार दी।
भगदड़ के बीच भागा सिपाही
गोली लगते ही प्रवीण खून से लथपथ होकर वहीं गिर पड़ा। इस पर वहां भगदड़ मच गई। ऐसे में आशीष वहां से भाग निकला और सीधे कोतवाली पहुंचा। हालांकि उधर हत्या की सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई थी। सादे कपड़ो में कोतवाली पहुंचे आशीष ने वहां मौजूद पुलिसकर्मियों को बताया कि वह सिपाही है और उसने एक युवक की हत्या कर दी है। इससे पुलिसकर्मियों में हड़कंप मच गया। कुछ देर में ही वहां पुलिस कमिश्नर, एडीसीपी व एसीपी पहुंच गये।
मैं नहीं मारता, तो वह मुझे मार देता
पुलिस कमिश्नर के मुताबिक सिपाही ने बताया कि प्रवीण अक्सर उसे घूरता था। वह उसे पिता के पास ज्यादा नहीं जाने देता था। इस पर ही दोनों की लड़ाई होती थी। वह अगर उसे नहीं मारता तो प्रवीण उसकी हत्या कर देता, इसलिये उसकी हत्या करनी पड़ी। पुलिस यह भी पता कर रही है कि कहीं सिपाही का मानसिक संतुलन तो नहीं खराब है।
सिपाही ने यह भी आरोप लगाया कि प्रवीण ने उसे मारने के लिये अपने पास रखा तमंचा निकाल लिया था। इस पर उसने तुरंत तमंचा छीन लिया और उसे गोली मार दी। आशीष के बारे में कई जानकारियां एसपी सीतापुर से मांगी गई है। सिपाही ने बताया कि तमंचा उसने वहीं पर नाले में फेंक दिया था।
अनसुलझे सवाल
1- अगर सिपाही मानसिक अवसाद में था तो उसे अभिरक्षा ड्यूटी में क्यों भेजा गया?
2- सिपाही और प्रवीण के बीच किस बात को लेकर विवाद हुआ था?
3- अभिरक्षा ड्यूटी में तैनात सिपाही आखिर सादे कपड़ों में क्यों घूम रहा था?
4- तमंचा प्रवीण लेकर आया था या सिपाही ने तमंचे का इंतजाम किया था?
5- आत्मसमर्पण से पहले सिपाही ने तमंचा क्यों छिपाया?