अपराधियों पर नकेल कसने में जुटी यूपी पुलिस, DGP का आदेश- नए माफियाओं को चिह्नित करें
यूपी पुलिस अपराधियों की नकेल कसने में जुट गई है। DGP प्रशांत कुमार ने नए माफिया तथा पेशेवर अपराधियों को चिह्नित कर उनके विरुद्ध योजनाबद्ध तरीके से प्रभावी कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
UP Police in Action: लोकसभा चुनाव-2024 खत्म होते ही यूपी पुलिस एक बार फिर अपराधियों पर पूरी तरह नकेल कसने में जुट गई है। डीजीपी प्रशांत कुमार ने नए माफिया तथा पेशेवर अपराधियों को चिह्नित कर उनके विरुद्ध योजनाबद्ध तरीके से प्रभावी कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। उन्होंने पूर्व में पंजीकृत माफिया गैंग के सभी सदस्यों के विरुद्ध सफल अभियोजन, सम्पत्ति जब्तीकरण और अन्य विधिक कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया।
वह रविवार को कानून-व्यवस्था, अपराध नियंत्रण व यातायात प्रबंधन की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने लोकसभा चुनाव सकुशल सम्पन्न पर अधिकारियों की प्रशंसा की। साथ ही नियमित पुलिसिंग के कार्यों जैसे विवेचना, अपराध अपराध नियंत्रण, अभियोजन, जन सुनवाई, बीट पुलिसिंग प्रणाली, आपरेशन कन्विक्शन, आपरेशन त्रिनेत्र और मिशन शक्ति और अधिक ध्यान देने पर जोर दिया।
त्रिनेत्र एप 2.0 का उपयोग करें :डीजीपी ने कहा कि यूपी एसटीएफ द्वारा विकसित त्रिनेत्र ऐप 2.0 लागू हो चुका है। जनपदीय पुलिस के सभी अधिकारी टूल्स की जानकारी रखें तथा उसका जरूरत के अनुसार उपयोग करें। साथ ही त्रिनेत्र टूल्स पर समय-समय पर डाटा अपलोड करें। यह ऐप फेस रिकॉग्निशन तकनीक तथा वॉयस रिकॉग्निशन तकनीक से युक्त है, अत: इसमें अधिक से अधिक गिरफ्तार अपराधियों, संदिग्ध व्यक्तियों का आडियो, वीडियो व फोटो अपलोड किया जाए। डीजीपी ने कहा कि पहली जुलाई से लागू होने वाली नई भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम को लागू करने के लिए प्रशिक्षण, आवश्यक उपकरणों की खरीदरी तथा व्यापक प्रचार-प्रसार पर ध्यान दिया जाए।
महिलाओं और बच्चों से संबंधी अपराधों को अत्यधिक गंभीरता से लेते हुए संलिप्त अभियुक्तों के विरुद्ध त्वरित कानूनी कार्रवाई की जाए। महिला सुरक्षा के लिए महिला बीट व महिला हेल्प डेस्क के कार्यों की समीक्षा कर पुलिस बीट प्रणाली को और अधिक सुदृढ़ बनाया जाए।
पुलिस विभाग में भी जल्द होगा फेरबदल
उत्तर प्रदेश के पुलिस विभाग में भी जल्द फेरबदल किए जाने की संभावना जताई जा रही है। इसमें जोन, कमिश्नरेट व रेंज से लेकर जिले स्तर तक बदलाव हो सकता है। प्रतीक्षारत चल रहीं डीजी रेणुका मिश्रा और एडीजी बीके सिंह को भी तैनाती मिल सकती है। लोकसभा चुनाव के दौरान ही गृह विभाग के नए मुखिया के रूप में दीपक कुमार की तैनाती की गई थी। वह अपर मुख्य सचिव वित्त के साथ-साथ गृह का भी प्रभार संभाल रहे हैं।
आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण चुनाव के दौरान आयोग की अनुमति से मामूली फेरबदल किए गए थे। इसी दौरान डीजी सीबीसीआईडी आनंद कुमार व डीजी साइबर क्राइम सुभाष चंद्र के सेवानिवृत्त होने के बाद केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे पीवी रामाशास्त्रत्त्ी को डीजी जेल के पद पर तैनाती दी गई, जबकि डीजी जेल एसएन साबत को डीजी सीबीसीआईडी के पद पर स्थानान्तरित किया गया।
सूत्रों के अनुसार लंबे समय से पुलिस कमिश्नरेट में जमे कुछ अफसर भी हटाए जा सकते हैं। इसी तरह जोन व रेंज में भी तबादले की संभावना है। चुनाव के दौरान मिली शिकायतों के आधार पर कुछ जिलों के पुलिस कप्तान भी निशाने पर हैं। गृह विभाग ने इन शिकायतों की पड़ताल में जुटा है। इसी तरह आईपीएस कैडर में प्रोन्नति के बाद भी पुरानी तैनाती वाले स्थान पर ही जमे अफसरों को भी नई तैनाती दी जा सकती है। ऐसे कुछ अफसर अयोध्या में तैनात हैं, जिन्हें राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के समारोह की वजह से रोक दिया गया था।