Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़UP: Personnel will not be able to spend electricity excessively meters will be installed at their homes

यूपी : बेतहाशा बिजली खर्च नहीं सकेंगे कार्मिक, इनके घरों पर लगेंगे मीटर

बिना मीटर लगाए वेतन से फिक्स धनराशि कटवाकर अंधांधुंध बिजली की खपत करने की आदत बिजली महकमे के अधिकारियों व कर्मचारियों को अब बदलनी पड़ेगी। नियामक आयोग ने इसी वित्तीय वर्ष के अंत तक सभी कार्मिकों के घर...

Deep Pandey हिन्दुस्तान टीम, लखनऊSat, 31 July 2021 06:42 AM
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बिना मीटर लगाए वेतन से फिक्स धनराशि कटवाकर अंधांधुंध बिजली की खपत करने की आदत बिजली महकमे के अधिकारियों व कर्मचारियों को अब बदलनी पड़ेगी। नियामक आयोग ने इसी वित्तीय वर्ष के अंत तक सभी कार्मिकों के घर बिजली का मीटर लगाने का सख्त निर्देश दिए हैं। इस व्यवस्था से महकमे के सभी कार्मिक मीटर के हिसाब से बिजली का बिल भरने को मजबूर होंगे।

उ.प्र. विद्युत नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों के वार्षिक राजस्व आवश्यक्ता (एआरआर) पर सुनाए गए फैसले में बिजली कंपनियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 के अंत तक (एलएमवी-10 के उपभोक्ता) यानी सभी विद्युत कार्मिकों के घर बिजली का मीटर लगा दें। बता दें कि बिजली कार्मिकों से भी बिजली का बिल लेने की व्यवस्था पिछले तीन-चार साल से चल रही है। इस व्यवस्था में कार्मिकों के घरों पर मीटर नहीं लगाए गए हैं। बिजली कार्मिकों के वेतन से कर्मचारियों की श्रेणी के हिसाब से एक फिक्स धनराशि काटकर इस व्यवस्था को चलाया जा रहा है। कार्मिकों के घर मीटर लग जाने पर बिजली की फिजूलखर्ची पर रोक के साथ ही ऊर्जा विभाग की रेवेन्यू में भी इजाफा होगा।

10 करोड़ तक के खर्चे के लिए आयोग की अनुमति अनिवार्य

इसके साथ ही आयोग ने 10 करोड़ तक के हर खर्च के लिए आयोग की अनुमति अनिवार्य रूप से लेने का आदेश भी दिया है। सभी बिजली कंपनियों से दस करोड़ रुपये तक के खर्च का ब्यौरा प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए हैं।

कंपनियों की फिजूलखर्ची पर रोक लगाने का मुकम्मल इंतजाम

उपभोक्ताओं पर बिजली बिल का भार ना बढ़े इसके लिए आयोग ने बिजली कंपनियों की फिजूलखर्ची पर रोक लगाने का मुकम्मल इंतजाम कयिा है। अनाप शनाप आंकड़ों में बड़े पैमाने पर कांट छांट की है। 16.64 फीसदी लाइन लास को काटकर महज 11.08 फीसदी अनुमोदित कर यह संदेश दिया है कि वितरण तंत्र बेहतर कर बिजली की बर्बादी को रोकें। इसी के परिप्रेक्ष्य में आयोग ने 1.20 लाख मिलियन यूनिट बिजली खरीद की मांग में भी कटौती करते हुए 1.12 लाख मिलियन यूनिट स्वीकृत किया है। बिजली कंपनियों ने सालाना खर्च 81901 करोड़ मांगा था जिसे करीब दस हजार करोड़ घटाते हुए आयोग ने कुल 71961 करोड़ ही स्वीकृत किया है। ये कटौतियां नहीं होती तों बिजली कंपनियां के इन फालतू खर्चों का भार उपभोक्ताओं पर पड़ता।
 
एक लाख वर्तमान और सेवानिवृत्त कार्मिक आएंगे मीटरिंग की जद में

बिजली कंपनियों में स्थाई व सेवानिवृत्त कार्मिकों की संख्या करीब एक लाख बताई जा रही है। इसमें 40 से 45 हजार के बीच कार्मिक और शेष पेंशनर हैं। वेतन से फिक्स न्यूनतम धनराशि कटवाकर बिजली का भरपूर उपयोग करने की सुविधा अब तक ये लोग ले रहे हैं। इस न्यूनतम धनराशि में प्रति एसी 300 रुपये देने का नियम है, लेकिन एसी की सही सूचना विभाग को मिल नहीं पाती है। इस सुविधा से विभाग में लाखों की तादाद में कार्यरत संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों को वंचित रखा गया है।

वास्तुकारों के सुझाव पर केंद्रीय मार्ग दर्शक मंडल के संत लगा चुके हैं मुहर

रामजन्मभूमि परिसर के विकास के लिए रामजन्म भूमि ट्रस्ट ने सभी समाचार माध्यमों में विज्ञापन जारी कर देश भर के वास्तुकारों से सुझाव मांगा था। इस विज्ञापन के आधार पर करीब तीन सौ से अधिक विशेषज्ञों ने ट्रस्ट को निर्धारित तिथि में अपने-अपने सुझाव भेजे थे। पुन: ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष महंत गोविंद देव गिरि की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने सभी सुझावों का अध्ययन कर उसका सारांश तैयार किया। रामजन्मभूमि ट्रस्ट के न्यासी चौपाल के अनुसार वास्तुकारों के सुझावों की पूरी रिपोर्ट केन्द्रीय मार्ग दर्शक मंडल के संतों के समक्ष प्रस्तुत कर संतों की राय भी ली गयी। वह बताते हैं कि संत समाज ने वास्तुकारों के सुझावों को सहर्ष स्वीकार कर सहमति की मुहर भी लगा दी है।

परिसर में विकास की हैं निम्नलिखित योजनाएं

श्रीरामकुंड-यज्ञशाला, कर्मक्षेत्र-अनुष्ठान मंडप, हनुमानगढ़ी-वीर मारुति विशाल प्रतिमा,  श्रीरामलला पुरातात्विक दर्शन मंडल- जन्मभू संग्रहालय व उत्खनन में प्राप्त शिलालेख एवं परावशेष प्रदर्शनी, श्रीरामकीर्ति-सत्संग भवन व सभागार, गुरु वशिष्ठ पीठिका-वेद-पुराण, संस्कृत अध्ययन व अनुसंधान अनुक्षेत्र, भक्ति टीला- विशेष ध्यान केंद्र व मनन निकुंज, तुलसी-रामलीला केंद्र व 360 डिग्री थिएटर एवं मुक्ताकाशी मंच, रामदरबार- प्रोजेकशन थिएटर, माता कौशल्या वात्सल्य मंडप-प्रदर्शनी कक्ष व झांकियों का परिसर, रामांगण-बहुआयामी चलचित्र शाला, रामायण- पुस्तकालय-वाचनालय व ग्रंथागार, महर्षि वाल्मीकि अभिलेखागार व अनुसंधान केंद्र, रामाश्रयम-बहुतलीय धर्मशाला-प्रतीक्षालय-विश्रामालय, श्रीदशरथ आदर्श गोशाला, लक्ष्मण वाटिका-कमल पुष्करिणी (जलाशय) व संगीतमय फव्वारे, लवकुश निकुंज- युवा व बाल क्रीडालय, मर्यादा खंड-विशिष्ट अतिथि निवास, भरत प्रसाद मंडप-भगवान के भोग की पाकशाला व माता सीता रसोई-तीर्थ यात्रियों का अन्नक्षेत्र एवं सिंहद्वार के सम्मुख दीपस्तम्भ सम्मिलित है।

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