सांसद बृजभूषण शरण सिंह के क्षेत्र में कैसा रहा भाजपा का हाल? सपा को भी मिली पटकनी
दो चरणों में हुए नगर निकाय चुनाव के परिणाम आ चुके हैं। 2017 के निकाय चुनाव के मुकाबले इस बार भाजपा को बड़ी मात्रा में जीत मिली है। पिछली बार बसपा के हाथ लगी नगर निगम की 2 सीटें भी उसके हाथ से निकल गई।
दो चरणों में हुए नगर निकाय चुनाव के परिणाम आ चुके हैं। 2017 के निकाय चुनाव के मुकाबले इस बार भाजपा को बड़ी मात्रा में जीत मिली है। पिछली बार बसपा के हाथ लगी नगर निगम की दो सीटें भी उसके हाथ से निकल गई हैं। इस चुनाव में समाजवादी पार्टी दूसरे नंबर पर रही है। पिछली बार की तरह इस बार भी सपा नगर निगम में अपना खाता खोलने से वंचित रह गई है। हालांकि नगर पालिका और नगर पंचायतों में भाजपा के बाद सपा का अच्छा प्रदर्शन रहा है। विधानसभा चुनाव के बाद निकाय चुनाव में भाजपा को बड़ी तादाद में जीत तो मिली है लेकिन भाजपा सरकार के मंत्री और सांसद अपने-अपने क्षेत्रों में बुरी तरह से हार गए हैं। पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे बृजभूषण शरण सिंह के गढ़ में भी भाजपा को लेकर हालात ठीक नहीं मिले। बृजभूषण शरण सिंह गोंडा जिले की कैसरगंज लोकसभा सीट से सांसद हैं। इनके क्षेत्र में निकाय चुनाव को लेकर जो नतीजे सामने आए हैं वह भाजपा को परेशान करने के लिए काफी हैं।
योगी सरकार के मंत्री-विधायकों की तरह भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को भी अपने क्षेत्र में बड़ा झटका लगा है। गोंडा नगर पालिका परिषद में सपा की उजमा राशिद ने चुनाव जीता है। उजमा का भाजपा उम्मीदवार से तगड़ा मुकबला रहा। उजमा ने भाजपा उम्मीदवार को 3439 वोटों से पराजित किया है। वहीं नवाबगंज नगर पालिका की बात करें तो यहां पर भी भाजपा जीत हासिल नहीं कर पाई है। इस नगर पालिका से निर्दलीय उम्मीदवार डॉ. सतेंद्र सिंह चुनाव जीते हैं। भाजपा को कर्नलगंज नगर पालिका सीट से कुछ राहत जरूर मिली है। यहां भाजपा के रामलली ने 341 वोटों से जीत हासिल की है।
नगर पंचायतों में कैसा रहा भाजपा का हाल
गोंडा जिले की तीन नगर पालिकाओं में दो पर सपा और एक पर भाजपा ने जीत दी की है। मनकापुर नगर पंचायत सीट की बात करें तो यहां से दुर्गेश सोनी ने जीत दर्ज की है, जोकि भाजपा उम्मीदवार थे। परसपुर नगर पंचायत पर भी भाजपा ने कब्जा रहा है। यहां से बासुदेव सिंह ने चुनाव जीता। धानेपुर, खरगपुर और तबरगंज नगर पंचायत सीट पर भी कमल खिला है। बेलसर नगर पंचायत सीट पर सपा उम्मीदवार सुशीला देवी ने जीत हासिल की है।
यहां कम हो गया बृजभूषण सिंह का प्रभाव?
गोंडा जिला बृजभूषण शरण का गढ़ माना जाता है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से उनके ऊपर लगे पहलवानों द्वारा यौन शोषण के आरोपों के चलते उनका प्रभाव भी कम होता दिख रहा है। निकाय चुनाव में इसका असर भी देखा गया है। नवाबगंज नगर पालिका में निर्दलीय उम्मीदवार सत्येंद्र सिंह ने भाजपा और सपा को जबरदस्त टक्कर देकर चुनाव जीत लिया है। चौंकाने वाली बात तो ये है कि निर्दलीय उम्मीदवार की जीत ने भाजपा और सपा को सूपड़ा ही साफ कर दिया है। यहां सपा को 600 वोट मिले जबकि भाजपा की हालत इससे भी ज्यादा खराब रही। भाजपा को महज 160 वोटों पर ही संतोष करना पड़ा। ये वो सीट है जहां से सांसद बृजभूषण शरण सिंह का आवास महज पांच किलोमीटर पर स्थित है। इसके अलावा इसी क्षेत्र में पूर्व कैबिनेट मंत्री और मौजूदा विधायक रमापति शास्त्री भी रहते हैं। यहां भाजपा की अच्छी पैठ होने के बाद भी बीजेपी बुरी तरह से निकाय चुनाव में पिट गई।