UP Monsoon 2024 Update: खत्म हुआ बारिश का इंतजार, अगले तीन दिन में यूपी को भिगोएंगे बादल, कहां तक पहुंचा मानसून?
भीषण गर्मी के बीच लोगों का बारिश को लेकर हो रहा इंतजार अब खत्म होने वाला है। अगले तीन दिनों में प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में आंधी के साथ बारिश के आसार हैं। इस दौरान कई जगह पुरवा हवाएं भी चलने....
UP Monsoon 2024 Update: भीषण गर्मी के बीच लोगों का बारिश को लेकर हो रहा इंतजार अब खत्म होने वाला है। अगले तीन दिनों में प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में आंधी के साथ बारिश के आसार हैं। इस दौरान कई जगह पुरवा हवाएं भी चलने का अनुमान है। पुरवा हवा और वातावरण में बढ़ी हुई नमी की वजह से उमस भरी गर्मी का प्रकोप आगे भी बना रहेगा। शुक्रवार को प्रयागराज व कानपुर सबसे गरम स्थान रहे, इन दोनों ही स्थानों पर दिन का तापमान क्रमश: 42-42 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। आंचलिक मौसम विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के अनुसार दक्षिणी-पश्चिमी मानसून शुक्रवार को झारखंड में आगे बढ़ा मगर बिहार की ओर अभी इसकी गतिविधियां रुकी हुई हैं।
उन्होंने फिर उम्मीद जतायी कि अगले दो-तीन दिनों में उत्तर प्रदेश में मानसून आ सकता है। पिछले चौबीस घण्टों के दरम्यान प्रदेश के कई अंचलों खासतौर पर बुन्देलखंड में अच्छी बारिश हुई। बांदा व सोनभद्र में सबसे अधिक पांच-पांच सेण्टीमीटर बारिश रिकार्ड की गयी। इसके अलावा झांसी के चिल्लाघाट पर तीन, जालौन, ललितपुर व चुर्क में दो-दो, नरैनी बांदा, बबेरू, सुल्तानपुर, बलिया, मुरादाबाद व कालपी में एक-एक सेण्टीमीटर बारिश रिकार्ड की गयी।
हवा का रुख बदलने और कई अंचलों में बारिश होने की वजह से गोरखपुर, अयोध्या, कानपुर, लखनऊ, बरेली, मुरादाबाद, आगरा और मेरठ मण्डल में दिन के तापमान में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गयी। लखनऊ, बरेली, मेरठ मंडलों में रात के तापमान में भी गिरावट आयी। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले चौबीस घण्टों के दौरान पश्चिमी यूपी में कुछ स्थानों पर लू चलने के आसार हैं जबकि पूर्वी उ.प्र. में उमस भरी गर्मी रहेगी। पूर्वी उ.प्र.में अलग-अलग स्थानों पर गरज-चमक के साथ बारिश होने की सम्भावना है। 30 से 40 किलोमीटर की रफ्तार से आंधी भी आ सकती है। 23 जून को पूर्वी उत्तर प्रदेश में 40 से 50 किलोमीटर की रफ्तार से तेज आंधी चलने के आसार हैं। 24 व 25 जून को पूरे उत्तर प्रदेश में आंधी-बारिश का अनुमान जताया गया है।
शासन ने ग्रीष्म लहर से 51 मौतें स्वीकारीं
यूपी सरकार ने मई व जून के महीनों में चली प्रचंड ग्रीष्म लहर में राज्य में अब तक 51 मौतें होने की पुष्टि की है। राहत आयुक्त कार्यालय की ओर से शुक्रवार को इस बाबत मृतकों की जिलेवार सूची जारी की गयी। इस सूची के अनुसार सबसे अधिक 15 मौतें सोनभद्र में हीट स्ट्रोक से हुई हैं। मिर्जापुर में 14, महोबा में 13, मैनपुरी में आठ, चित्रकूट में तीन, संत कबीरनगर में दो, चंदौली, आजमगढ़ और औरय्या में एक-एक मौत हीट स्ट्रोक से होने की बात स्वीकार की गयी है।
पूर्वी यूपी में 24-25 को भारी बारिश का संकेत
जानलेवा गर्मी के विदा होने का समय निकट है। शुक्रवार को मौसम विभाग ने राहत भरे पूर्वानुमान में मानसूनी बादलों के जल्द ही बनारस समेत पूर्वी उत्तर प्रदेश में गरजने-बरसने का संकेत दिया है। पूर्वानुमान के मुताबिक पूर्वांचल में 22 से 24 के बीच छिटपुट जबकि 24 एवं 25 जून को कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। मानसूनी बादलों के 27 जून के बाद सक्रिय होने का अनुमान है। इस दौरान अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान में भी कमी आएगी यानी मौसम अनुकूल रहेगा। वहीं, मौसम से जुड़ी वेबसाइट एक्यूवेदर के अनुसार, 27 जून से 30 जून तक प्री मानसून के रूप में आंधी-पानी और एक जुलाई से मानसूनी बारिश शुरू होने की संभावना है जो 10 जुलाई के बाद तक जारी रह सकती है। कुल मिलाकर आमलोगों को लगभग तीन महीने की रिकार्ड गर्मी से जल्द राहत मिलने के संकेत मिलने लगे हैं। वहीं बारिश को लेकर चिंतित किसानों का भी तनाव दूर होगा। वहीं, शुक्रवार को अधिकतम तापमान 39.2 डिग्री और न्यूनतम 23.5 डिग्री रिकार्ड किया गया। पूरे दिन कभी उमस तो कभी तीखी धूप हावी रही।
20 दिन ठिठका रहा प. बंगाल बार्डर पर
मौसम विभाग के अनुसार पश्चिम बंगाल के इस्लामपुर में 31 मई से ठिठका रहा मानसून फिर सक्रिय हुआ है। वह तेजी से आगे बढ़ते हुए बिहार के रक्सौल तक पहुंच गया है। यह बनारस से अभी 357 किलोमीटर पीछे है। लखनऊ के मौसम विभाग के वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि मानसून 2 आगामी दो से तीन दिन में पूर्वी यूपी पहुंच जाएगा। 23 जून से वर्षा की तीव्रता में प्रभावी वृद्धि होगी। 24 जून को तराई एवं पूर्वांचल के कुछ जिलों में भारी बारिश की संभावना है।
अभी 95 फीसदी कम बारिश
बनारस में इस बार प्री मानसून बारिश को तरस गए। जून में अब तक 38.6 एमएम बारिश हो जानी चाहिए थी लेकिन 1.9 एमएम ही बारिश हुई है। यह औसत से करीब 95 फीसदी कम है। बीएचयू के मौसम वैज्ञानिक प्रो. मनोज श्रीवास्तव ने भी कहा कि मानसून आगे बढ़ चला है।