फर्जी जन्म प्रमाण पत्र केस के केरल-कर्नाटक, महराष्ट्र से जुड़े तार; ATS करेगी PFI की भूमिका की जांच
यूपी के रायबरेली के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले के तार केरल, कर्नाटक और महराष्ट्र से जुड़े हैं। जांच बढ़ रही है। अब इस मामले में एटीएस जल्द पीएफआई के सदस्यों की भूमिका की जांच भी करेगी।
यूपी के रायबरेली के फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले की जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है। रायबरेली के फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले में यूपी एटीएस ने पीएफआई के सदस्यों की भूमिका की भी जांच शुरू कर दी है। साथ ही प्रदेश के अन्य जिलों में भी ऐसे मामलों का पता लगाया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि रायबरेली के सलोन व छतोह ब्लॉक में फर्जी प्रमाणपत्र का मामला सामने आने के बाद एजेंसियां सतर्क हैं।
केरल निवासी पीएफआई के एक सदस्य और कर्नाटक निवासी एक युवक के जन्म प्रमाणपत्र की जांच करने दोनों राज्यों की पुलिस के रायबरेली पहुंचने के बाद इसका खुलासा हुआ था। इसके बाद भाजपा विधायक अशोक कुमार कोरी की शिकायत पर मुख्य विकास अधिकारी ने जांच कराई तो 20 हजार फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाए जाने की जानकारी सामने आई।
एटीएस जांच का दायरा बढ़ा
मुकदमा दर्ज कराए जाने के बाद इस मामले के तार केरल, कर्नाटक व महाराष्ट्र से जुड़ने लगे तो एटीएस को जांच की जिम्मेदारी दी गई। ऐसी आशंका है कि यह फर्जीवाड़ा प्रदेश के अन्य जिलों में भी हो सकता है। एटीएस की कई एनजीओ पर भी नजर है। माना जा रहा है कि इसमें कुछ एनजीओ भी लिप्त हैं। आशंका है कि फर्जी प्रमाणपत्र बनने के बाद घुसपैठियों को दूसरे राज्यों में भेज दिया जाता है।
सचिव का खाता निकला फर्जी एटीएस ने मांगी पूरी रिपोर्ट
जन्म प्रमाण पत्र मामले में पुलिस को झटका लगा है। सचिव की ओर से दिया गया खाता फर्जी निकला। सलोन में जिस बैंक का खाता बताया गया वहां उसके नाम से कोई खाता ही नहीं है। वहीं एटीएस ने पुलिस व पंचायत विभाग की जांच रिपोर्ट मांगी है। जांच के दौरान साफ हो गया कि सलोन के पांच गांवों में कर्नाटक तक के बच्चों ने जन्म लिया। सलोन पांच गांवों में चल रही जांच के दौरान कई नए खुलासे हुए है।
मामले के आरोपी इतने शातिर हैं कि उन्होंने पुलिस को ही चकमा दे दिया। आरोपी पंचायत सचिव ने जो खाता दिया था वह फर्जी निकला। उस नंबर का खाता उस बैंक में है ही नहीं। पुलिस को जब इसकी जानकारी हुई तो वह दूसरे खातों की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस अब पंचायत सचिव सरेनी समेत जहां-जहां तैनात थे वहां के खातों की जांच की जाएगी।