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यूपी: इन 6 जिलों में खुलेंगे खास ड्राइविंग इस्टीट्यूट, यहीं से ट्रेनिंग पास करने वालों को ही मिलेगा ड्राइविंग लाइसेंस

कानपुर संभाग के जिलों में खास ड्राइविंग इंस्टीट्यूट खुलेंगे। 6 जिलों में खुलने वाले इंस्टीट्यूट से ड्राइविंग पास करने वालों को ही लाइसेंस दिया जाएगा। ये कदम बढ़के हादसों को देखते हुए उठाया गया है।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान टीम, कानपुरSat, 18 Nov 2023 12:37 PM
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प्रदेश में दिनों दिन सड़क हादसों में बढ़ रहीं मौतों पर अंकुश लगाने के लिए परिवहन विभाग ने कानपुर संभाग के सभी छह जिलों में ड्राइविंग इंस्टीट्यूट खोलने का फैसला किया है। चार पहिया हो या कॉमर्शियल वाहन का ड्राइविंग लाइसेंस उन्हीं का बनेगा, जो इन इंस्टीट्यूट में ट्रेनिंग करेंगे और दक्षता का सर्टीफिकेट लेंगे। इसकी शुरुआत रायबरेली से हो चुकी है।

पिछले दिनों सड़क सुरक्षा की गठित कमेटी के चेयरमैन ने कानपुर आकर समीक्षा की थी। अकुशल ड्राइविंग से होने वाले एक्सीडेंट को लेकर चिंता जताई थी। बताया गया कि अब हर जिले में ड्राइविंग इंस्टीट्यूट खोलने पर मुहर लग चुकी है। जिले में इंस्टीट्यूट खुलेंगे तो ट्रेंड लोगों के हाथ में वाहन की स्टेयरिंग होगी। ऐसे में ट्रैफिक नियमों की अज्ञानता से अभी जो हादसे हो रहे हैं वे नहीं होंगे।

इन जिलों में खुलेगा ड्राइविंग इंस्टीट्यूट
कानपुर नगर, फर्रुखाबाद, इटावा, औरैया, कन्नौज और कानपुर देहात।

17 लाख वाहन, 37.12 लाख डीएलधारी
कानपुर नगर में लगभग 17 लाख दोपहिया, तिपहिया, चौपहिया और भारी वाहन रजिस्टर्ड हैं। जिले में जबकि 37.12 लाख लोगों के पास डीएल है। अभी आरटीओ का कोई अपना ड्राइविंग इंस्टीट्यूट नहीं है। इससे बिना प्रशिक्षण के डीएल जारी करना मजबूरी है। कानपुर नगर में ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक तो है पर संभाग के किसी दूसरे जिले में आटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक नहीं है।

ट्रेनिंग की अनिवार्यता रहेगी
अभी रोडवेज का ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट है। तीन साल पहले इस इंस्टीट्यूट में प्रशिक्षण के बाद डीएल का रिन्युअल होता था पर बाद में इस व्यवस्था को बंद कर दिया गया। अब जब आरटीओ के अपने इंस्टीट्यूट होंगे तो रिन्युअल में ट्रेनिंग की अनिवार्यता प्रभावी हो जाएगी। ट्रेनिंग पूरी करने के बाद ही प्रक्रिया पूरी हो सकेगी।

हादसों में यूपी में कानपुर सबसे ऊपर
देश में यूपी और प्रदेश में कानपुर में सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मौतें होती हैं। कानपुर में कोरोना काल में जितनी मौतें नहीं हुईं, उससे अधिक मौतें सड़क हादसों में हुईं। कानपुर में एक साल में एक हजार से अधिक लोगों की जान हादसों में गई हैं। यह आंकड़ा घटाने की कोशिश विभाग कर रहा है।

उप परिवहन आयुक्त, परिक्षेत्र, डॉ. विजय कुमार ने कहा कि ड्राइविंग इंस्टीट्यूट खुलने के बाद डीएलधारी वाहन चलाने के बेसिक नियम जानेंगे। साथ ही परफेक्ट चालक के गुर भी हासिल होंगे। इससे सड़क हादसे कम होंगे।

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