यूपी में जननी सुरक्षा योजना में फिर घोटाला, लाभार्थियों के बैंक खातों में फर्जी भुगतान
यूपी में जननी सुरक्षा योजना में फिर घोटाला सामने आया है। एनएचएम ने मामले में जांच बैठाई है। ऑडिट रिपोर्ट में जेएसवाई योजना के लाभार्थियों के बैंक खातों में फर्जी भुगतान किए जाने की जानकारी मिली है।
उत्तरप्रदेश में एक बार फिर से जननी सुरक्षा योजना में घोटाला सामने आने के बाद एनएचएम ने जांच बैठा दी है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के वित्त नियंत्रक बृजबिहारी कुशवाहा ने प्रदेश के सभी डीएम, सीएमओ को जांच के आदेश दिए हैं। जननी सुरक्षा योजना के लाभार्थियों के खाते में किए गए अनियमित भुगतान व गबन के मामले सामने आने के बाद प्रदेशभर में जांच बैठाई गई है। दरअसल बीते दिनों में प्रदेश के कई जनपदों में नियुक्त किए गए कांकरेट आडिटर द्वारा जेएसवाई लाभार्थियों के बैंक खाते में किए गए अनियमित भुगतान, गबन का प्रकरण सामने लाया गया। जिसमें पाया गया कि अधिकारियों, कर्मचारियों (सुपरिंटेंडेंट द्वितीय हस्ताक्षरकर्ता, एएनएम, स्टाफ नर्स, व ब्लॉक लेखा प्रबंधक) द्वारा गलत तरीके से कुछ चयनित बैंक खातों में धनराशि हस्तांतरित की गई।
ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार जननी सुरक्षा योजना में भुगतान जो कि 10 लाखरूपए से अधिक कुछ ही बैंक खातों में गलत तरीके से किया गया। रिपोर्ट में पाया गया कि जिन नाम से भुगतान जेएसवाई योजना में किए गए, उन नाम से योजना का कोई फार्म ही नहीं मिला। जबकि डिलीवरी रजिस्टर में गलत एंट्री जरूर मिली।
प्रसव होने पर 1400 रुपए दिए जाने के अलावा दो हजार अतिरिक्त फीमेल सेनेटाइजेशन के नाम पर दिए
ऑडिट रिपोर्ट में सामने आया है कि प्रसव होने पर 1400 रूपए दिए जाने के अलावा दो हजार रूपए अतिरिक्त महिला नसबंदी(female sterilization) के नाम पर ट्रांसफर किए गए। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यह सभी भुगतान पूर्ण रूप से फर्जी हैं, जिसके साक्ष्य भी मिले हैं।
प्रदेशभर में जेएसवाई योजना के लाभार्थियों को किए गए भुगतान की होगी रिकवरी, गबन करने वालों पर गिरेगी गाज
वित्त नियंत्रक की ओर से जारी अपने आदेश में कहा गया है कि प्रदेश के सभी जनपदों में जेएसवाई लाभार्थियों को किए गए भुगतान की गहन जांच कराकर तत्काल अनियमित भुगतान, गबन की गई धनराशि की रिकवरी की जाए। वहीं सरकारी धनराशि में गबन किए जाने के लिए दोषी अधिकारियों, कर्मचारियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करते हुए रिपोर्ट भी मांगी गई है।
2015 में भी इस योजना में उजागर हो चुका है घोटाला, 10 माह में पांच बार गर्भवती हुईं थी महिलाएं
यूपी में जननी सुरक्षा योजना में घोटाला होना पहली सामने नहीं आया है। पूर्व में भी इस तरह के मामले सामने आ चुका हैं। पूर्व में बरेली, बदायूं और बहराइच में गलत तरीके से हुए भुगतान के मामले में जांच बैठाई गई थी। जांच में सामने आया था कि फर्जीवाड़ा करते हुए एक ही महिला को 10 माह में पांच बार गर्भवती दर्शाया गया था।