4 साल से 9.69 फीसदी की दर से विकास कर रहा यूपी, सीएजी की रिपोर्ट के आंकड़े
यूपी 4 साल से औसतन 9.69 फीसदी की दर से विकास कर रहा है। यूपी के विकास की यह दर राष्ट्रीय विकास दर से अधिक बताई जा रही है। सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में यूपी के विकास दर के ये आंकड़ें दिए हैं।
करीब दो साल कोरोना से सब कुछ प्रभावित रहने के बावजूद 2018-19 से 2022-23 तक यूपी औसतन 9.69 फीसदी की दर से विकास की रेस में शामिल है। यूपी के विकास की यह दर राष्ट्रीय विकास दर से अधिक बताई जा रही है। सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में यूपी के विकास दर के ये आंकड़ें दिए हैं। विधानमंडल में पेश सीएजी की रिपोर्ट में लिखा है कि वर्तमान मूल्यों पर उत्तर प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) यानी विकास दर 2018-19 में 1582180 करोड़ रुपये था, जो कि 2022-23 में बढ़कर 2257572 करोड़ रुपये हो गया है। इन आंकड़ों के मुताबिक यूपी की औसत जीएसडीपी की वृद्धि दर 9.69 फीसदी है। 2018-19 में यूपी का बजट खर्च 4,99,136 करोड़ रुपये था जबकि 2022-23 में बढ़कर 6,85556 करोड़ रुपये हो गया। बजट परिव्यय की यह दर औसतन 9.96 फीसदी है।
2021-22 के मुकाबले 2022-23 में यूपी की विकास दर 14.33 फीसदी बढ़ी
यूपी की जीएसडीपी वृद्धि यानी विकास दर में औसतन 9.69 फीसदी की विकास दर को इसलिए बहुत बेहतर माना जा रहा है क्योंकि इन वर्षों के बीच के दो साल कोरोना से प्रभावित थे। उस अवधि में पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था चौपट हुई थी। इससे यूपी भी प्रभावित रहा था। कोरोना का प्रभाव समाप्त होते ही यूपी ने विकास की तेज रफ्तार पकड़ी है। जिसके बाद 2021-22 के मुकाबले 2022-23 में यूपी की जीएसडीपी में 14.33 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है।
2022-23 में सरकार ने विकास पर 19.25 फीसदी खर्च किया
इन वर्षों में राज्य के विकास की रफ्तार में तेजी आने से प्रदेश सरकार की कमाई में भी इजाफा दर्ज किया गया है। 2022-23 में राज्य सरकार ने अपने श्रोतों से पिछले वर्ष के मुकाबले 18.33 फीसदी अधिक राजस्व (कमाई) प्राप्त किया। कमाई बढ़ने पर सरकार ने विकास व अन्य मदों में अपने खर्चें भी बढ़ाए। 2021-22 के मुकाबले 2022-23 में सरकार ने 12.56 फीसदी अधिक धनराशि खर्च किया। राज्य सरकार ने 2022-23 में विकास कार्यों पर कुल बजट का 19.25 फीसदी खर्च किया जो कि 93028 करोड़ रुपये था।