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पुल बनाने की तमन्ना थी, फाइल ढो रहे एमटेक-एमएससी पास, बीटेक डीग्रीधारक पिला रहे पानी

सिविल से बीटेक करने के बाद तमन्ना तो पुल बनाने की थी लेकिन मजबूरन रेलवे में अनुचर बनकर फाइल ढो रहे हैं या पानी पिला रहे हैं। रेलवे 3438 से अधिक चतुर्थ और तृतीय श्रेणी के युवाओं की नियुक्ति हुई है।

Srishti Kunj आशीष श्रीवास्तव, गोरखपुरWed, 31 May 2023 07:20 AM
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सिविल से बीटेक करने के बाद तमन्ना तो पुल बनाने की थी लेकिन मजबूरन रेलवे में अनुचर बनकर फाइल ढो रहे हैं या पानी पिला रहे हैं। हाल ही में पूर्वोत्तर रेलवे 3438 से अधिक चतुर्थ और तृतीय श्रेणी के युवाओं की नियुक्ति हुई है। इनमें 201 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी लखनऊ मण्डल को मिले हैं। इनमें से गोरखपुर मुख्यालय के कोटे में आए युवाओं में करीब 40 फीसदी एमटेक-बीटेक, एमएससी और एमए, एमएड डिग्रीधारक हैं। परिचालन विभाग में ही एक अफसर के यहां तैनात अनुराग बताते हैं कि उन्होंने सिविल में बीटेक किया है। जब बीटेक कर रहे थे तो सपना था कि कहीं किसी बड़े प्रोजेक्ट में शामिल होकर पुल बनाने या बड़ी-बड़ी इमारतें बनाने में योगदान देंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 

प्रतिस्पर्धा के इस दौर में उस स्तर पर सफल नहीं हो सका। उम्र बीती जा रही थी तो मजबूरन रेलवे की चतुर्थ श्रेणी के पद के लिए आवेदन कर दिया। चयन होने के बाद खुशी हुई कि चलो नौकरी तो मिल गई। अब एक ऑफिस से दूसरे आफिस फाइल पहुंचाना पड़ रहा है तो अपनी योग्यता पर प्रश्नचिह्न लग जा रहा है। अनुराग की तरह योगेश, शिवेन्द्र, कृष्णकांत, अनुज और निखिल भी बीटेक डिग्रीधारक हैं और अनुचर व खलासी के पद पर चयनित हुए हैं।

कई प्रयास विफल हुए तो चतुर्थ श्रेणी में ज्वाइन किया
परिचालन विभाग में बतौर अनुचर तैनात युवक (नाम न प्रकाशित करने का अनुरोध) ने बताया कि उसने जमशेदपुर से बीटेक किया है। कुछ निजी कंपनियों में नौकरी करने का मौका मिला लेकिन वेतन 15 हजार से भी कम था। कई परीक्षाएं देने के बाद भी जब कुछ नहीं हुआ तो मजबूरन रेलवे की चतुर्थ श्रेणी की नौकरी अपनानी पड़ी। 

एक युवक ने छोड़ दी नौकरी
गोरखपुर के ही निजी स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक की नियुक्ति चेन्नई में बतौर खलासी हुई थी। कुछ दिन काम करने के बाद शिक्षक ने काम देख नौकरी से इस्तीफा दे दिया। अब वह दोबारा से गोरखपुर में शिक्षण कार्य कर रहे हैं।  

इन पदों पर हुई है एनईआर में भर्ती
पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन द्वारा कारखाना सहायक, पुल सहायक, सवारी माल डिब्बा सहायक, भंडार डिपो सहायक, लोको शेड डीजल सहायक, विद्युत परिचालन सहायक, अनुचर, कांटा वाला सहायक, दूर संचार सहायक, रेल पथ सहायक, गाड़ी प्रकाश एवं वातानुकूलन सहायक, गाड़ी प्रकाश एवं वातानुकूलन सहायक कारखाना, विद्युत कर्षण सहायक, कार्य सहायक, चिकित्सालय सहायक एवं रेल पथ अनुरक्षण सहायकों की भर्ती हुई है। इनकी संख्या 3438 है।

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