UP bypoll results: सहानभूति, शिवपाल का साथ और अखिलेश की कुशल रणनीति, मैनपुरी में डिंपल की फतह की ओर
मैनपुरी लोकसभा, रामपुर और खतौली विधानसभा तीनों सीटों पर सपा की शुरुआती बढ़त बना ली है। वही सपा के लिए चुनौती बनी मुलायम की विरासत मैनपुरी सीट पर डिंपल की बड़ी बढ़त बरकरार है।
उत्तर प्रदेश में तीन सीटों पर हुए उपचुनाव की मतगणना हो रही है। मैनपुरी लोकसभा, रामपुर और खतौली विधानसभा तीनों सीटों पर सपा की शुरुआती बढ़त बना ली है। वही सपा के लिए चुनौती बनी मुलायम की विरासत मैनपुरी सीट पर डिंपल की बड़ी बढ़त बरकरार है। डिंपल यादव बीजेपी प्रत्याशी रघुराज शाक्य के करीब 50 हजार वोटों से आगे हैं। इस बड़ी बढ़त के पीछे राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मुलायम को लेकर सहानुभूति, शिवपाल का साथ और अखिलेश की कुशल राजनीति कारगर साबित हुई। विश्लेषक का यह भी कहना है मैनपुरी में अखिलेश और शिवपाल में कड़ी मेहनत की। सपा को ऐन वक्त चाचा शिवपाल का साथ संजीवनी साबित हुआ।
आपको बता दें कि पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन से खाली हुई मैनपुरी सीट पर सपा को पहली बार बीजेपी से बड़ी चुनौती मिली थी। बीजेपी ने मुलायम परिवार और खासकर शिवपाल सिंह यादव के पुराने करीबी रघुराज सिंह शाक्य को मैदान में उतारकर बड़ा दांव चला था। जातीय समीकरणों के हिसाब से भी यह भगवा खेमे का बड़ा दांव था।
मैनपुरी में यादव मतदाताओं के बाद सबसे अधिक संख्या शाक्य मतदाताओं की है। मैनपुरी में पूरे चुनाव प्रचार अभियान के दौरान सपा और भाजपा के बीच बड़ी खींचतान की स्थिति रही। दोनों ओर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा। इस चुनाव में यादव परिवार की विरासत पर संकट मंडराता देख चाचा शिवपाल सिंह यादव भी गिले-शिकवे भूल भतीजे अखिलेश यादव के साथ आ गए। शिवपाल और रघुराज सिंह शाक्य के बीच भी गुरु-शिष्य के रिश्ते को लेकर दावे-प्रतिदावे होते रहे। रघुराज जहां उन्हें गुरु बताते रहे वहीं शिवपाल उन पर धोखा देने का आरोप लगाते रहे। बीजेपी ने मैनपुरी में सपा का गढ़ कब्जाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी। उधर, यादव परिवार और पूरी सपा ने मोर्चा संभाले रखा। अखिलेश और डिंपल के साथ शिवपाल सिंह यादव, धर्मेन्द्र यादव, तेज प्रताप यादव और आदित्य यादव सहित परिवार और पार्टी के सभी बड़े नेता प्रचार में जुटे रहे।