UP Budget: पिछले साल 1.65 लाख करोड़ रुपये खर्च नहीं कर सके विभाग, राजकोषीय घाटा हुआ कम
पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 में यूपी के बजट में दी गई व्यवस्था के मुकाबले विभाग 1,65,696 करोड़ 33 लाख रुपये खर्च नहीं कर पाए थे। इनमें से कुछ राशि को अनुदानों के तहत खर्च के लिए रखा गया था।
पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 में बजट में दी गई व्यवस्था के मुकाबले विभाग 1,65,696 करोड़ 33 लाख रुपये खर्च नहीं कर पाए थे। इस वर्ष 6,85,555 करोड़ 91 लाख रुपये 92 अनुदानों के तहत खर्च के लिए रखा गया था। जिसके सापेक्ष कुल 5,19,859 करोड़ 58 लाख रुपये ही खर्च हो सके थे।
4.17 लाख करोड़ रुपये राजस्व मिला था सरकार को
विधानमंडल में पेश सीएजी की रिपोर्ट में इसका जिक्र है। इस वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार को विभिन्न राजस्व मदों से 4,17,241 करोड़ 50 लाख रुपये मिले थे। ये राजस्व वैट, निगम व आयकर, उत्पाद एवं सीमा शुल्क, स्टांप व पंजीयन, करेत्तर राजस्व, केंद्र सरकार से अनुदान आदि से मिले थे। सरकार की उपलब्धि यह रही कि 37263 करोड़ रुपये राजस्व आधिक्य था। यह राज्य की सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 1.65 फीसदी था।
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राजकोषीय घाटा तय मानकों के अंदर रखने में मिली सफलता
राजकोषीय घाटा इस वर्ष के लिए जीएसडीपी का 3.50 फीसदी के लक्ष्य के विरुद्ध 64639.26 करोड़ था, जो राज्य की जीएसडीपी का कुल 2.66 फीसदी था। इसमें राज्य सरकार ने निर्धारित मानदंडों को पूरा किया।
उपक्रमों व संस्थानों में सरकार ने किया 12479 करोड़ रुपये का निवेश
इस वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और अन्य संस्थानों में 12479.91 करोड़ रुपये का निवेश किया। 31 मार्च 2023 तक इन संस्थानों में कुल सरकारी निवेश 164000 करोड़ 90 लाख रुपये हो गया था। यह धनराशि राज्य की जीएसडीपी का 7.26 फीसदी था। इस वर्ष राज्य को 141.32 करोड़ रुपये का लाभांश मिला। 31 मार्च तक सरकार ने 27188.94 करोड़ रुपये का निवेश लघु व दीर्घकालिक प्रतिभूतियों में की।