Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़UP Bareilly Eight more cases of child pornography porn videos of children made posted on social media

चाइल्ड पोर्नोग्राफी के आठ और मामले मिले, बच्चों की पॉर्न वीडियो बना सोशल मीडिया पर डाली

बरेली में नौ आरोपियों ने बच्चियों के पोर्न वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किए पर स्थानीय पुलिस को भनक तक नहीं लगी। इंस्टाग्राम ने इसकी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजी तो खुलासा होने के बाद कार्रवाई हुई।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान टीम, बरेलीSun, 3 Sep 2023 02:05 PM
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बरेली में नौ आरोपियों ने बच्चियों के पोर्न वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिए पर स्थानीय पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। इंस्टाग्राम ने इसकी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजी तो खुलासा होने के बाद कार्रवाई शुरू हुई। गुरुवार को मीरगंज में एक रिपोर्ट दर्ज होने के बाद अब आठ अन्य मामले सामने आए हैं। सभी आरोपियों को पुलिस तलाश कर रही है। पुष्टि के बाद रिपोर्ट दर्ज कर इन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा।

मीरगंज के गांव सिरौधी अंगदपुर निवासी परमानंद उर्फ विक्की ने इंस्टाग्राम पर विदेशी बच्ची का पोर्न वीडियो अपलोड किया था। गुरुवार को मीरगंज पुलिस ने उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। यह मामला इंस्टाग्राम ने पकड़ा था और उसके अकाउंट को ब्लॉक करके गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेजी थी। गृह मंत्रालय ने यूपी शासन को कार्रवाई के निर्देश दिए, जिसके बाद यह रिपोर्ट दर्ज की गई। इसके बाद अब ऐसे ही आठ और मामले सामने आए हैं, जिनमें इंस्टाग्राम पर बच्चों के पोर्न वीडियो अपलोड किए गए हैं।

इन थानों में आए मामले
मीरगंज के बाद अब फरीदपुर के दो और सुभाषनगर, हाफिजगंज, सिरौली, इज्जतनगर, बिथरी चैनपुर व कैंट का एक-एक मामला सामने आया है। इन सबके बारे में भी गृह मंत्रालय से यूपी शासन के जरिये बरेली पुलिस को कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों की शिनाख्त शुरू कर दी है। जल्दी ही सभी को गिरफ्तार कर रिपोर्ट दर्ज की जाएगी। एसएसपी, सुशील घुले ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि बच्चों के पोर्न वीडियो के मामलों में सत्यापन कराया जा रहा है। सख्त कार्रवाई होगी।

बैन है चाइल्ड पोर्नोग्राफी
सुप्रीमकोर्ट के आदेशानुसार भारत में चाइल्ड पोर्नोग्राफी संबंधी कंटेंट शेयर करना प्रतिबंधित है। कोई व्यक्ति इस तरह के वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं तो नेशनल सेंटर फार मिसिंग एक्सप्लोइटिड चिल्ड्रन (एनसीएमइसी) टिप लाइन के माध्यम से गृह मंत्रालय को सूचना भेजी जाती है। साक्ष्य के तौर पर उसका डाटा भी भेजा जाता है, जिसके बाद उस पर कार्रवाई कराई जाती है।

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