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भारत ही नहीं पाक, मालदीव, बांग्लादेश तक को मिले राजनीति के धुरंधर, पीएम से लेकर राष्ट्रपति रहे

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पढ़कर भारत ही नहीं पाक, मालदीव, बांग्लादेश तक सियासी सितारे चमके हैं। एएमयू के छात्रों ने राजनीति में कदम रखा और प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति तक के पद पर पहुंचे।

Srishti Kunj सत्येन्द्र कुलश्रेष्ठ, अलीगढ़Fri, 29 March 2024 06:41 AM
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जो अब्र यहां से उठेगा, वह सारे जहां पर बरसेगा...एएमयू के पारंपरिक तराने (गीत) की यह पंक्तियां मुकम्मल राजनीति के मुकाम तक पहुंचने वालों पर सटीक बैठती हैं। तालीम के इदारे एएमयू ने भारत ही नहीं बल्कि पाकिस्तान, मालदीव, बांग्लादेश तक को सियासी सितारे दिए हैं। बीते 100 सालों के सफर में यहां से पढ़ाई कर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक की कुर्सी तक पहुंचे हैं। 

तालीम के लिए देश दुनिया में मशहुर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) ने देश की राजनीति में भी अहम रोल अदा किया है। एएमयू छात्र राजनीति से राजनीति का ककहरा सीखने वाले कई छात्र सियासत के सितारे बन देश-दुनिया में चमक चुके हैं। पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान एएमयू से पढ़कर निकले। उन्होंने एएमयू से बीएससी और एलएलबी की थी। पाकिस्तान के दूसरे राष्ट्रपति अयूब खान का भी एएमयू से जुड़ाव रहा। राजनीति के जानकार बताते हैं कि आजादी से पहले शिक्षा का मुख्य केन्द्र होने के चलते पाकिस्तानी छात्रों की पसंदीदा यूनिवर्सिटी एएमयू रही। 

आरिफ मोहम्मद खान ने एएमयू में की छात्र राजनीति
वर्तमान में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने एएमयू की छात्र राजनीतिक से सफर शुरू किया। जिसके बाद वह विधायक, सांसद, मंत्री तक बने। 1972-73 में हुए छात्रसंघ के चुनाव में वह अध्यक्ष चुने गए। 1977 में जनता पार्टी के स्याना (बुलंदशहर) से विधायक बने। इसके बाद वह इंदिरा गांधी के समय में कांग्रेस में शामिल होकर 1980 में सांसद चुने गए और मंत्री बने। 

एमए फातिमा दरभंगा तो सरवर हुसैन बुलंदशहर से सांसद रहे
1981 में एएमयू छात्रसंघ सचिव चुने गए एमए फातिमी दरभंगा से सांसद बने और केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री बने। वहीं 1987 में छात्र संघ अध्यक्ष चुने गए सरवर हुसैन  बुलंदशहर से सांसद बने थे।

सपा के कद्दावर आजम खान भी एएमयू से पढ़कर निकले
सपा से सांसद, पूर्व मंत्री व पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे आजम खान एएमयू छात्रसंघ के सचिव रहे थे। छात्र राजनीति के बाद ही वह समाजवादी में शामिल हो गए थे। 

इन हस्तियों ने की तालीम हासिल
भारत के तीसरे राष्ट्रपति बने डॉ. जाकिर हुसैन, बांग्लादेश के पूर्व प्रधानमंत्री मंसूर अली, मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद आमीन दीदी,  भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहब सिंह वर्मा, पूर्व केंद्रीय मंत्री मोहसिना किदवई, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला शेख मोहम्मद, बिहार के मुख्यमंत्री रहे अब्दुल गफूर, आसाम की मुख्यमंत्री रहीं अनवरा तैमूर। 

एएमयू के डिप्टी प्रॉक्टर, अली नवाज जैदी ने कहा कि एएएमयू ने राजनीति के क्षेत्र में कई सियासी सितारे दिए हैं। इन सभी ने एएमयू स तालीम हासिल कर भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में सफलता का परचम लहराया है और नाम कमाया है। यह एएमयू के लिए गर्व की बात है।

एएमयू छात्र नेता व प्रधान, कुंवर मोहम्मद अहमद ने कहा कि एएमयू से तालीम हासिल करने वाले सिर्फ राजनीति में ही नाम रोशन नहीं कर चुके हैं, बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी भारत का गौरव बढ़ाया है। पूरे देश को इस पर नाज है।

फैक्ट फाइल
1875 में मदरसे के रूप में रखी थी एएमयू की नींव
1877 में मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल (एमएओ) कॉलेज स्थापित
1920 में सर सैयद अहमद खां ने की एएमयू की स्थापना
1921 में केन्द्रीय विश्वविद्यालय का मिला दर्जा

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