उधार के पैसों से बन रहा यूपी के 746 बा स्कूलों में खाना, दवाओं का भी बजट नहीं हुआ जारी
यूपी के 746 कस्तूरबा स्कूलों में पिछले 6 महीने से लड़कियों के लिए उधार के पैसों से भोजन तैयार हो रहा है। इन स्कूलों में कक्षा छह से आठवीं तक की पढ़ाई होती है। छात्राएं कैंपस में ही रहती हैं।
उत्तर प्रदेश के 746 कस्तूरबा स्कूलों में पिछले छह महीने से उधार के पैसों से भोजन तैयार हो रहा है। इस सत्र में स्कूलों में खाद्यान्न, दवाओं, रोजमर्रा की वस्तुओं के लिए अभी तक बजट ही जारी नहीं हुआ है। जिन फर्मों ने टेंडर लिया था, वो भी सप्लाई करने में हिचक रही हैं। अधिकारी इस हफ्ते भुगतान का दावा कर रहे हैं। प्रदेश में 746 कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों का संचालन हो रहा है। इन स्कूलों में कक्षा छह से आठवीं तक की पढ़ाई होती है। आवासीय स्कूल होने के चलते छात्राएं कैंपस में ही रहती हैं।
कैंपस में रहने वाली छात्राओं के खाने की व्यवस्था भी कैंपस में ही की जाती है। छात्राओं को रोजमर्रा की जरुरत की वस्तुओं के साथ ही दवा आदि भी दी जाती हैं। इसके लिए अलग-अलग फर्मों को टेंडर मिलता है। इनको बिल प्रस्तुत करने पर भुगतान किया जाता है। इसके लिए शासन से ग्रांट आती है। 60 फीसदी बजट केंद्र सरकार और 40 फीसदी प्रदेश सरकार देती है। इस बार केंद्र का बजट आने में खासी देरी हो गई। केंद्र के बजट के बाद ही प्रदेश का बजट जारी होता है। देरी के चलते स्कूलों में व्यवस्था पर असर पड़ रहा है। टेंडर लेनी वाली फर्में भी भुगतान नहीं मिलने से परेशान हैं।
जल्द जारी होगा बजट
डिप्टी डायरेक्टर मुकेश कुमार ने बताया कि केंद्र से हाल में ही ग्रांट जारी हुई है। अब स्टेट की ग्रांट मिलाई जाएगी। जल्द ही पैसा जारी हो जाएगा। हालांकि कहीं भी किसी सामान या खाद्यान्न की कमी की बात सामने नहीं आई है। व्यवस्था सुचारू रूप से चल रही है।
बा स्कूलों में इन चीजों की सप्लाई करती हैं फर्में
बा स्कूलों में गेहूं, चावल, दालें, मसालें, बेसन, मेवा, रसोई में इस्तेमाल होने वाली अन्य सामग्री, बिस्कुट, सोयाबीन,अंडा, गुड़, कार्नफ्लेक्स, च्यवनप्राश, चायपत्ती, नहाने-कपड़े धोने का साबुन, हेयर आयल, टूथपेस्ट, डस्टबिन, हार्पिंक, हेयर बैंड, वैसलीन, स्कूल शूज, पीटी शूट, चप्पल, मच्छरमार, यूनिफार्म, नाइट शूट, ट्रैक शूट, भोजन थाल,सैनेटरी पैड, स्टेशनरी, विज्ञान किट, गणित किट, खेल का सामान, मच्छरदानी, मोमबत्ती, लेजर बुक, बुक केस, दीवार घड़ी आदि की सप्लाई होती है।