Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Unnao accident case : Shocking report of rape victim bacteria confirmed in in her blood antibiotics medicines fail

उन्नाव कांड: पीड़िता की सामने आई चौकाने वाली रिपोर्ट, एंटीबायोटिक बेअसर

उन्नाव रेप पीड़िता को केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में इलाज के दौरान गंभीर बैक्टीरिया ने जकड़ लिया था। खून में एंटेरोकोकस बैक्टीरिया की पुष्टि हुई थी। यह खुलासा केजीएमयू माइक्रोबायोलॉजी विभाग की रिपोर्ट में...

वरिष्ठ संवाददाता लखनऊ।Thu, 8 Aug 2019 01:59 PM
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उन्नाव रेप पीड़िता को केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में इलाज के दौरान गंभीर बैक्टीरिया ने जकड़ लिया था। खून में एंटेरोकोकस बैक्टीरिया की पुष्टि हुई थी। यह खुलासा केजीएमयू माइक्रोबायोलॉजी विभाग की रिपोर्ट में हुआ। चौंकाने वाली बात यह है कि इस बैक्टीरिया पर कई एंटीबायोटिक दवाएं फेल हो गई थी।

बीती 28 जुलाई को रायबरेली हादसे में घायल होने के बाद उन्नाव रेप पीड़िता को ट्रॉमा सेंटर में वेंटिलेटर पर भर्ती कराया गया था। इलाज के बावजूद पीड़िता की सेहत में तमाम एंटीबायोटिक दवाओं का असर नहीं हुआ। इस पर डॉक्टरों ने खून की जांच का नमूना माइक्रोबायोलॉजी विभाग भेजा।

खून में मिला बैक्टीरिया की पुष्टि
मंगलवार को पीड़िता की जांच रिपोर्ट आई। इसमें खून में बैक्टीरिया की पुष्टि हुई। डॉक्टरों का कहना है कि यह बैक्टीरिया कई तरह से मरीज के शरीर में दाखिल हो सकता है। त्वचा पर बैक्टीरिया हो सकता है जो इंजेक्शन लगाने के दौरान शरीर में प्रवेश पा सकता है। मरीज की हालत गंभीर थी। उसे गले में चीरा लगाकर वेंटिलेटर जोड़ा गया था। पेशाब के लिए कैथेटर लगाया गया। ग्लूकोज, दवा आदि चढ़ाने के लिए गले के पास (सेंट्रल लाइन) डाली गई। डॉक्टरों का कहना है कि इन सभी स्थानों पर बैक्टीरिया तेजी से पनपने का खतरा रहता है जो शरीर में आसानी से दाखिल हो जाते हैं।

छह तरह की एंटीबायोटिक फेल
पीड़िता के मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ होगा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बैक्टीरिया इतना खतरनाक है कि उस पर छह तरह की एंटीबायोटिक फेल हो गई हैं। यह एंटीबायोटिक बड़े संक्रमण को खत्म करने में दी जाती हैं। इनमें वैंकोमाइसिन और लीयो फ्लॉक्सासीन, सिप्रोफ्लॉक्सासीन, जेंटामाइसीन समेत दूसरी एंटीबायोटिक रजिस्टेंट पाई गई।

कैंडिडा फंगस भी फैल चुका है
ट्रॉमा वेंटिलेटर यूनिट में 20 बेड हैं। पिछले महीने एक मरीज में कैंडिडा फंगस की पुष्टि हो चुकी है। इसके बावजूद यूनिट की साफ-सफाई को लेकर जिम्मेदार संजीदा नहीं हैं। इसकी वजह से मरीज गंभीर संक्रमण की जद में आ रहे हैं।

पीड़िता का इलाज दिल्ली एम्स में चल रहा है। केजीएमयू में मरीज को संक्रमण मिला। इसकी कोई जानकारी नहीं मिली है।- डॉ. सुधीर सिंह, प्रवक्ता, केजीएमयू

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