Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़three types of taxes will be imposed on people living in such colonies preparation to amend hi tech township policy

ऐसी कॉलोनियों में रहने वालों पर लगेंगे तीन तरह के टैक्स, हाईटेक टाउनशिप नीति में संशोधन की तैयारी  

UP की हाईटेक टाउनशिप में रहने वालों से हाउस टैक्स, सीवर टैक्स और वाटर टैक्स वसूली का रास्ता साफ होने जा रहा है। इन कालोनियों में यदि निकायों की सुविधाएं ले रहे हैं तो ये तीनों टैक्स देने होंगे।

Ajay Singh शैलेंद्र श्रीवास्तव, लखनऊSun, 16 June 2024 12:02 AM
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House Tax News: उत्‍तर प्रदेश के बड़े शहरों में हाईटेक टाउनशिप में रहने वालों से हाउस टैक्स, सीवर टैक्स और वाटर टैक्स वसूली का रास्ता साफ होने जा रहा है। इन कालोनियों में रहने वाले अगर निकायों की सुविधाएं ले रहे हैं तो उन्हें ये तीनों टैक्स देने होंगे। इसके लिए उत्तर प्रदेश हाईटेक टाउनशिप नीति में संशोधन करने की तैयारी है। उच्च स्तर पर सहमति बन गई है और जल्द ही कैबिनेट से प्रस्ताव पास कराया जाएगा। मौजूदा व्यवस्था के अनुसार जब तक कालोनियां निकायों को हैंडओवर नहीं हो जाती हैं, तब तक टैक्स की वसूली नहीं की जा सकती है।

लखनऊ और गाजियाबाद में बड़ी समस्या
लखनऊ और गाजियाबाद के नगर आयुक्तों ने इस संबंध में शासन को जानकारी दी थी कि इन कालोनियों की वजह से निकायों को साफ-सफाई, सीवर और कूड़ा निस्तारण पर करोड़ों रुपये खर्च करने पड़ते हैं, लेकिन इसके एवज में उसे कुछ भी नहीं मिलता है। गाजियाबाद में वेबसिटी टाउनशिप विकसित मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाईटेक टाउनशिप को लेकर बनी उच्च स्तरीय समिति की बैठक में यह मामला रखा गया था। इसके बाद नीति में संशोधन पर सहमति बनी है। 

टैक्स मिलने का रास्ता होगा साफ
हाईटेक टाउनशिप नीति में यह प्रावधान होगा कि तय समय के बाद इसमें रहने वालों से निकाय अधिनियम में दी गई व्यवस्था के अनुसार गृहकर, जलकर व सीवर कर की वसूली की जाएगी। टैक्स वसूली के साथ ही अवस्थापना सुविधाएं देने और रखरखाव का दायित्व संबंधित निकायों का होगा। विकासकर्ता द्वारा यदि स्वीकृत डीपीआर के अनुसार किसी भी अवस्थापना सुविधा का विकास पूरा नहीं कराता है तो प्राधिकरण को बचे काम कराने होंगे।

इसके लिए विकासकर्ता की प्राधिकरण के पक्ष में बंधक रखी हुई भूमि को बेंची जाएगी। नीति में यह व्यवस्था की जा रही है कि टाउनशिप में जो भी बचा काम है उसे तय समय में पूरा करवाने की जिम्मेदारी विकास प्राधिकरणों की होगी। समिति द्वारा हाईटेक टाउनशिप नीति-2007 के प्रस्तर-38 में संशोधन करने की अनुमति लेने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति प्रस्तुत करना होगा।
 

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