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तीन मिनट के थीम सांग से जीवंत हो उठेगा चौरी-चौरा का इतिहास, समारोह को यादगार बनाएगी जादुई आवाज

"धरती गोरखनाथ की पावन-परम महान कण-कण में है त्याग, तप, शौर्य और बलिदान कोटि-कोटि जनता के मन में भरा आत्मविश्वास चौरीचौरा के वीरों ने रचा नया इतिहास" यह मुखड़ा है चौरीचौरा शताब्दी वर्ष...

Ajay Singh हिन्‍दुस्‍तान टीम , लखनऊ Wed, 3 Feb 2021 02:50 PM
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"धरती गोरखनाथ की पावन-परम महान
कण-कण में है त्याग, तप, शौर्य और बलिदान
कोटि-कोटि जनता के मन में भरा आत्मविश्वास
चौरीचौरा के वीरों ने रचा नया इतिहास"

यह मुखड़ा है चौरीचौरा शताब्दी वर्ष के थीम सांग का। स्वाधीनता आंदोलन को महत्वपूर्ण मोड़ देने वाली ऐतिहासिक चौरीचौरा घटना के शताब्दी वर्ष समारोह के लिए प्रदेश सरकार ने यह बेहद भावपूर्ण गीत तैयार कराया है। वीरेंद्र वत्स रचित इस गीत में शौर्य, गर्व और संकल्प का अद्भुत समन्वय है। बता दें कि वीरेंद्र वत्स रचित गीत 'धन्य-धन्य उत्तर प्रदेश'  इस वर्ष गणतंत्र दिवस पर उत्तर प्रदेश की झांकी के साथ राजपथ पर गूंजा था। यूपी की झांकी को सर्वश्रेष्ठ का पुरस्कार दिलाने में इस गीत की महती भूमिका थी। यही नहीं, वीरेंद्र ने इससे पहले राज्य सरकार के ढाई साल व तीन साल  पूरे होने पर गीत लिखे थे और गंगा यात्रा का मुख्य गीत भी वीरेंद्र की ही कलम का जादू था। अब वीरेंद्र ने ही चौरीचौरा शताब्दी वर्ष का थीम सांग भी रचा है। करीब तीन मिनट का यह भावपूर्ण गीत शताब्दी वर्ष समारोह में सतत गुंजायमान रहेगा। गीत के रचनाकार वीरेंद्र वत्स मूलरूप से सुल्तानपुर जिले के निवासी हैं और वर्तमान में लखनऊ में रहते हैं। फिल्म बदलापुर के गीत 'जी करदा' से सुर्खियों में आए 'दिव्य कुमार ने इस गीत को अपने जादुई स्वर से अविस्मरणीय बनाया है जबकि राजेश सोनी के सुर सहसा ही लोगों को यह गीत गुनगुनाने को मजबूर करते हैं। 

गागर में सागर भरने जैसा है यह गाना

तीन मिनट का यह गाना गागर में सागर भरने जैसा है। इसके जरिए वत्स ने चौरी-चौरा के पूरे परिदृश्य एवं इस घटना का जंगे आजादी पर पड़ने वाले प्रभाव को समेटने का सफल प्रयास किया है। यकीनन उनके पहले के गानों की तरह लोग इसे भी पसंद करेंगे। ऐतिहासिक अवसर पर गाया जाने वाला यह गीत भी इतिहास में दर्ज हो जाएगा।

गीत को यूपी संस्कृति विभाग द्वारा तैयार कराया गया है। गोरखपुर के जिलाधिकारी के विजयेंद्र पांडियन ने बताया कि महोत्सव में कार्यक्रमों की प्रस्तुति देने वाले बच्चे इसी थीम सांग पर अभ्यास करने में जुटे हैं। 

पूरा गीत इस प्रकार है

धरती गोरखनाथ की पावन परम महान
कण-कण में है त्याग, तप, शौर्य और बलिदान

चौरीचौरा के वीरों ने रचा नया इतिहास 
कोटि-कोटि जनता के मन में भरा आत्मविश्वास

चार फरवरी की घटना से बदल गई तस्वीर
व्याकुल हुआ फिरंगी शासन लगा लक्ष्य पर तीर
अंग्रेजों को हुआ पराजय का कड़वा एहसास
चौरी चौरा के वीरों ने रचा नया इतिहास

देकर प्राण बचाया अपनी माटी का अभिमान
मोदी-योगी उन्हीं सपूतों का करते सम्मान
तम में डूबी हुई धरा पर फैला आज उजास
चौरी चौरा के वीरों ने रचा नया इतिहास

युवा देश के आगे बढ़कर शपथ आज यह लेंगे
वीरों का बलिदान कभी भी व्यर्थ न जाने देंगे
अन्तस्तल में सदा रहेगा भारत माँ का वास। चौरीचौरा के वीरों ने रचा नया इतिहास।

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