सैफई में नेताजी के भाई अभयराम के घर पर संपन्न हुआ शुद्धि संस्कार, अस्थि संचय के बाद अखिलेश ने ट्वीट किया भावुक संदेश
'धरतीपुत्र' मुलायम सिंह के निधन के बाद से सैफई गमगीन है। मंगलवार को अंतिम संस्कार के बाद बुधवार सुबह अन्य रस्में शुरू हुईं। अंत्येष्टि स्थल पहुंचे अखिलेश अस्थि संचय की प्रक्रिया के दौरान भावुक हो गए।
'धरतीपुत्र' मुलायम सिंह के निधन के बाद से सैफई गमगीन है। मंगलवार को अंतिम संस्कार के बाद बुधवार सुबह अन्य रस्में शुरू हुईं। सूरज उगते ही कोठी से करीब पांच सौ मीटर दूर स्थित मेला ग्राउंड में अंत्येष्टि स्थल पहुंचे अखिलेश अस्थि संचय की प्रक्रिया के दौरान भावुक हो गए। उनके साथ मौजूद कुनबे के बड़े बुजुर्गों ने उन्हें हौसला दिया। कंपकंपाते हाथों से यह रस्म पूरी करने के बाद पूरा कुनबा मुलायम के भाई अभयराम के आवास पर पहुंचा जहां शुद्धि संस्कार हुआ।
अखिलेश पुत्र अर्जुन के साथ पूरा कुनबा जुटा
शुद्धि संस्कार के बाद अकेले बैठे अखिलेश ने दो चित्रों के साथ एक भावुक ट्वीट किया। ट्वीट में उन्होंने लिखा कि "आज पहली बार लगा… बिन सूरज के उगा सवेरा."। पोस्ट में दो फोटो भी उन्होंने लगाई हैं पहली फोटो नेताजी के अंतिम संस्कार के अंत की यानी अंधेर की है और दूसरी फोटो सुबह सूरज उगने के बाद अस्थियां चुनने के दौरान की है। नेताजी के भाई अभयराम के आवास पर हुए शुद्धि संस्कार में अखिलेश के अलावा, प्रतीक, रामगोपाल यादव, शिवपाल यादव, अभयराम, धर्मेंद्र यादव, तेज प्रताप, अभिषेक, अखिलेश पुत्र अर्जुन सहित कुनबे के लोग शामिल हुए। इस पारिवारिक रस्म में कुछ खास नाते-रिश्तेदार कुनबे का ढांढस बंधाते दिखे।
बिहार के बाहुबली नेता पप्पू यादव सैफई पहुंचे
समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह की छाप पूरे देश में थी। हर किसी पार्टी में मुलायम का जादू था, जो उनके न रहने पर दिख रहा है। मंगलवार को अंतिम दर्शन से लेकर अंत्येष्टि तक देश के विभिन्न प्रांतों, विचारधाराओं के लोग पहुंचे थे। बुधवार सुबह होते ही यह सिलसिला फिर शुरू हो गया। प्रदेशभर से मुलायम शुभचिंतक अफसर, नेता तो कोठी पर पहुंचने ही लगे थे। दूसरे प्रांतों के नेताओं के आने का क्रम भी शुरू हो गया है। बिहार के बाहुबली नेता पप्पू यादव भी सैफई पहुंच गए हैं। बिहार के पांच बार के सांसद और विधायक रहे पप्पू यादव किसी जमाने में लालू प्रसाद यादव के खास माने जाने थे। फिर दोनों की राह अलग हो गई, इसी दौरान मुलायम और उनके कुनबे के साथ हुई उनकी करीबी आज तक कामय है। शुद्धि संस्कार के समय पहुंचे पप्पू यादव कुबने के बीच परिवार की तरह शामिल हुए और उन्होंने अखिलेश का ढांढस बंधाया।