Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़The process of land registry has become simpler order issued for new system

जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया हुई और सरल, नई व्यवस्था के लिए आदेश जारी 

यूपी मेंजमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया और सरल हो गई है। राज्य सरकार ने विकास योजनाओं के लिए जमीन की रजिस्ट्री कराने की प्रक्रिया को और सरल कर दिया है। शासनादेश जारी कर दिया गया है।

Deep Pandey हिन्दुस्तान, लखनऊWed, 17 April 2024 01:45 PM
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राज्य सरकार ने विकास योजनाओं के लिए जमीन की रजिस्ट्री कराने की प्रक्रिया को और सरल कर दिया है। इसके लिए विभागों से बार-बार विधाई से राय लेने की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है। विशेष सचिव स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग रवीश गुप्ता ने शासनादेश जारी करते हुए विभागों को इस संबंध में निर्देश भेज दिया है। इसमें कहा गया है कि राज्य सरकार द्वारा भूमि क्रय या राज्य सरकार के पक्ष में दान या लीज के रूप में दी गई भूमि की रजिस्ट्री कराने की सुविधा का सरलीकरण कर दिया है। पूर्व में निर्धारित व्यवस्था में बदलाव कर दिया गया है। नई व्यवस्था में सरकारी विभागों के पक्ष में होने वाले सभी हस्तांरण, दान एवं पट्टा विलेख के लिए बार-बार विधायी विभाग से राय नहीं ली जाएगी। तय प्रारूप के आधार पर न्याय विभाग के शासकीय हस्तांतरण द्वारा विधिक परीक्षण कराया जाएगा।

विभागों को भेजे गए मानक प्रारूप के रिक्त स्थानों में मात्र सूचना जैसे पक्षकरों व संपत्ति से संबंधित व अन्य आनुषांगिक सूचना भरी जाएगी। किसी प्रकार शर्तों को बढ़ाया या घटाया नहीं जाएगा। किसी विभाग को परिशिष्ट में संलग्न मानक प्रारूप अपने कार्य व प्रकरण विशेष के लिए अपर्याप्त या विसंगति होने पर संबंधित विभाग द्वारा विधिक परीक्षण कराया जाएगा। ऐसे में विभाग द्वारा यह भी प्रयास किया जाएगा कि प्रकरण में यदि एक से अधिक पट्टे या रजिस्ट्री होने हैं तो इसकी सूचना स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग को दी जाएगी।

प्रशासकीय विभाग के सचिव, प्रमुख सचिव, अपर मुख्य सचिव या उनके द्वारा नियमानुसार प्राधिकृत अधिकारी क्रेता दानग्रहित के रूप में राज्यपाल की ओर से व पद के अधिकार से रजिस्ट्री पर हस्ताक्षर करेंगे। प्रशासकीय विभाग द्वारा किसी एक अधिकारी से संबंधित रजिस्ट्री स्टांप विभाग के उपनिबंधक के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए अधिकृत किया जाएगा। उपनिबंधक द्वारा इस आशय का पत्र दिया जाएगा कि संबंधित रजिस्ट्री राज्यपाल की ओर से एवं पद के अधिकार से हस्ताक्षर किए गए हैं। निष्पादक अधिकारी को उपनिबंधक कार्यालय में उपस्थिति से मुक्त किया जाएगा।
 

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