Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़The floors of perfume businessman Piyush Jain houses were magic codes were recorded in stones

इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घरों की फर्श थी तिलिस्मी, पत्थरों में दर्ज थे कोड

अपने घरों में 197 करोड़ रुपए कैश और करोड़ों का सोना रखने वाले वाले इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर में कई तिलिस्म थे। अलमारियों के पीछे छोटे-छोटे गुप्त दरवाजे थे। फर्श के खूबसूरत पत्थरों की डिजाइन में...

Deep Pandey अभिषेक गुप्ता, कानपुरTue, 1 March 2022 05:20 AM
share Share

अपने घरों में 197 करोड़ रुपए कैश और करोड़ों का सोना रखने वाले वाले इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर में कई तिलिस्म थे। अलमारियों के पीछे छोटे-छोटे गुप्त दरवाजे थे। फर्श के खूबसूरत पत्थरों की डिजाइन में छिपे तहत-तरह के कोड थे। पहले तो डीजीजीआई टीम चकराई लेकिन अंतत: इन्हें डिकोड करके देश की सबसे बड़ी नगद बरामदगी कर सकी। पीयूष के घरों के इन रहस्यों का खुलासा डीजीजीआई के वादपत्र किया गया  हुआ है। आपके अपने अखबार 'हिन्दुस्तान' के पास वादपत्र की सभी जानकारियां उपलब्ध हैं।

डीजीजीआई ने पीयूष जैन के खिलाफ दाखिल 334 पेज का वादपत्र कोर्ट में दाखिल किया है। इसके मुताबिक उसका कानपुर का घर और कन्नौज की कोठी दोनों के निर्माण के वक्त ही कई रहस्यमय कमरे, बेसमेंट, दरवाजे आदि बनवाए गए थे। डीजीजीआई अफसरों ने लिखा है कि कानपुर में 22 दिसंबर को छापे मारने की तीसरे दिन यानी 24 दिसंबर को एक टीम पीयूष के दोनों बेटों प्रत्यूष जैन और प्रियांश जैन को लेकर कन्नौज स्थित उसके पैतृक आवास गई। पहले दिन उसका पूरा घर छान मारा लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ। डीजीजीआई के दो अधिकारी प्रत्यूष को लेकर छत तक गए लेकिन एक शेड के अलावा कुछ नहीं दिखा।

तभी एक अधिकारी की नजर उसकी छत से लगी दूसरी छत पर गई। दोनों घरों बीच एक छोटी सी दीवार थी। ये किसका घर है? जवाब में प्रत्यूष ने कहा, मेरा ही है। इसका रेनोवेशन करा रहे हैं। डीजीजीआई टीम ने उस घर में चलने के लिए कहा तो प्रत्यूष बोला, इसका गेट पीछे है। अफसर चौंके और पीछे वाले दरवाजे से ले चलने को कहा।

बेहद खूबसूरत बेडरूम
इस घर में घुसी टीम एक खूबसूरत रूम में पहुंची। प्रत्युष ने बताया कि वह पीयूष का बेडरूम था। यहां एक शानदार बेड था, जिसके पीछे दीवार में डिजायनर कुशन यानी फोम लगा था। बेड के सिरहाने लगे कुशन को अफसर छूकर देख रहे थे। एक कुशन पीस को दबाया तो वह खिसक गया। सरकने से अफसरों को शक हुआ। कुछ और जोर लगाते ही चार फुट का कुशन पीस हट गया और सामने आ गया खुफिया लोहे का दरवाजा। यह  देखते ही पीयूष के दोनों बेटों की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई। अफसरों ने पूछा, तो पीयूष के बेटे बोले, हमें कुछ नहीं मालूम। पापा का कमरा है। दरवाजे की चाबी कहां है? बच्चे बोले, हमारे पास नहीं है। तब टीम ने लोहार बुलवाया कर लोहे का दरवाजा कटवाया।

बेडरूम के नीचे मिला बंकर
दरवाजा खोलते ही संकरा सा जीना मिला। नीचे गए तो बंकर (जो सरहदों पर युद्ध के लिए बनाए जाते हैं ...जिसे डीजीजीआई ने अपने वादपत्र में लिखा है) देखकर अफसर हक्का बक्का रह गए। 8 गुणा 5 फिट के बंकर में जूट के आठ बोरे थे। उनमें 10 करोड़ रुपए से ज्यादा मिले।

दूसरा बंकर पहले से भी ज्यादा खुफिया
बंकर की सूचना वरिष्ठ आसूचना अधिकारी ने तत्काल अहमदाबाद में दी। चार घंटे के अंदर एक और टीम कन्नौज पहुंच गई। टीम पुराने की तरह नए घर की छत तक गई। कुछ खास नहीं मिला और वापस नीचे लौटी। पहली मंजिल की तलाशी लेते हुए अफसर जीने से ग्राउंड फ्लोर आए। तभी आखिरी जीने के ठीक नीचे वाले फर्श के पत्थर पर ध्यान गया। गौर से देखने पर मार्बल का एक टुकड़ा बाकी फर्श से थोड़ा अलग दिखा। नजदीक से देखा और 28 इंच गुणा 27 इंच के मार्बल को जोर से दबाया। खड़खड़ाहट हुई और खुल जा सिमसिम के गुप्त दरवाजे की तरह मार्बल एक तरफ सरक गया। नीचे लोहे का एक दरवाजा था। यह कोड लाक था। कैसे खुलेगा? इस सवाल के जवाब में भी पीयूष के बेटों ने रटा रटाया जवाब दिया, मालूम नही। मेरे पास चाबी नहीं  है। डीजीजीआई अफसरों ने उसकी चाबी बनवाई। खोलने पर नीचे जाने के लिए सीढ़ी दिखी।
अफसर नीचे गए तो वहां 84 गुणा 82 गुणा 93 का दूसरा बंकर मिला। यहां ड्रमों में सुगंध भरी थी। 12 ड्रमों में चंदन का तेल था। एक ड्रम में 25 लीटर तेल था। यानी कुल 300 लीटर चंदन का तेल पाया गया। कंपाउंड के तीन ड्रम थे। इसके अलावा सात ड्रमों में बोरे भरे थे। खोला गया तो एक-एक किलो वाली 22 सोने की ईंटे रखी थीं। उनके साथ बोरियों में पांच सौ और दो हजार की गड्डियां ठुंसी हुई थीं।

चौंकने का दौर अभी बाकी है....

हतप्रभ अधिकारियों के लिए ये किसी तिलिस्म से कम नही था। बंकर से बाहर आए और एक बार फिर ऊपर की तरफ बढ़े। हर घर की तरह पीयूष के घर में भी डक्ट था। डक्ट की तरफ बाथरूम थे। एक अधिकारी अचानक बाथरूम में गया और पीछे देखने की कोशिश की तो पाया कि डक्ट में भी कुछ नीले ड्रम रखे हैं। छत से झांका तो सात ड्रम थे। उन्हें निकलवाकर चेक किया तो जूट के बोरे भरे थे। बोरों में सौ सौ ग्राम वाले सोने के बिस्कुट रखे थे। कुछ बोरों में कैश भरकर रखा गया था। तीन में कंपाउंड भी रखा मिला।

अगला लेखऐप पर पढ़ें