स्वार उपचुनावः दांव पर आजम खान की प्रतिष्ठा, रामपुर में अंतिम गढ़ बचाने के लिए जद्दोजहद
रामपुर में पहले लोकसभा उपचुनाव फिर रामपुर सदर का विधानसभा उपचुनाव हारने के बाद स्वार सीट अंतिम गढ़ बचा है। आजम खान ने इसे बचाए रखने के लिए ताकत झोंक दी है। एक तरह से यह चुनाव उनकी परीक्षा भी है।
उत्तर प्रदेश की स्वार और छानबे विधानसभा सीट के लिए हो रहे उपचुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी दल सपा के बीच सीधा मुकाबला होता नजर आ रहा है। रामपुर में पहले लोकसभा उपचुनाव फिर रामपुर सदर का विधानसभा उपचुनाव हारने के बाद स्वार सीट अंतिम गढ़ बचा है। आजम खान ने इसे बचाए रखने के लिए ताकत झोंक दी है। एक तरह से यह चुनाव उनकी परीक्षा भी है। बुधवार 10 मई को यहां मतदान होगा। 13 मई को मतगणना के साथ ही रिजल्ट घोषित किया जाएगा।
फिलहाल पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की अगुवाई वाली बसपा ने उपचुनाव से दूरी बना रखी है। कांग्रेस ने सिर्फ छानबे सीट पर अपना उम्मीदवार उतारा है। उत्तर प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव और कर्नाटक विधानसभा चुनाव में खासकर भाजपा और कांग्रेस के बड़े नेताओं के व्यस्त होने की वजह से रामपुर की स्वार और मिर्जापुर की छानबे सीट के लिए हो रहे उपचुनाव की कोई खास चर्चा नहीं हो पा रही है।
स्वार सीट सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम को सजा सुनाए जाने के बाद उनकी सदस्यता रद्द होने के चलते रिक्त हुई है। छानबे सीट भाजपा के सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के विधायक राहुल कोल के निधन की वजह से खाली हुई है।
हालांकि, सभी का ध्यान रामपुर की स्वार सीट पर है क्योंकि पिछले साल अदालत से सजा मिलने के बाद आजम खान को अयोग्य घोषित किए जाने के चलते रिक्त हुई रामपुर सदर सीट गंवाने के बाद जिले में स्वार ही सपा और आजम खान का आखिरी गढ़ रह गया है।
सपा इस सीट पर चुनाव जीतने की हर मुमकिन कोशिश कर रही है। आजम खां ने चुनाव प्रचार के दौरान स्वार क्षेत्र के लिए खुद द्वारा किए गए कार्यों और सरकार द्वारा खुद पर किए गए 'जुल्म' का बार-बार जिक्र किया।
वहीं, इस सीट पर उपचुनाव लड़ रहे भाजपा के सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के नेता भी इस उपचुनाव को जीतने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। वर्ष 2022 में हुए उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में अब्दुल्ला आजम खान ने अपना दल (सोनेलाल) के हैदर अली खान को 61,000 से अधिक मतों के अंतर से हराया था।
इस बार समाजवादी पार्टी ने इस सीट से अनुराधा चौहान और अपना दल (सोनेलाल) ने शफीक अहमद अंसारी को उम्मीदवार बनाया है। उधर, छानबे सीट पर भाजपा ने दिवंगत विधायक राहुल कोल की पत्नी रिंकी कोल को मैदान में उतारा है, तो सपा ने कीर्ति कोल को मैदान में उतारा है।
प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ भाजपा के 255 विधायक हैं। उसके सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) और निषाद पार्टी के क्रमशः 11 और छह विधायक हैं। समाजवादी पार्टी के 109 विधायक हैं जबकि उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल के नौ विधायक हैं।