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यूपी के इस शहर में अब सुख-सुविधा शुल्‍क भी लगेगा, प्रति वर्ग मीटर होगी ये दर; जानें डिटेल 

बड़े शहर में रह रहे हैं तो यहां सुख सुविधा शुल्क भी देना होगा। एलडीए लखनऊ में यह व्यवस्था लागू करने जा रहा है। पूरा जिला LDA का हिस्सा हो चुका है। कुछ बाहरी इलाके भी महायोजना में शामिल हैं।

Ajay Singh प्रमुख संवाददाता, लखनऊWed, 3 July 2024 07:37 AM
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Sukh-Suvidha Shul‍ka: बड़े शहर में रह रहे हैं तो यहां सुख सुविधा शुल्क भी देना होगा। एलडीए लखनऊ में यह व्यवस्था लागू करने जा रहा है। पूरा जिला एलडीए का हिस्सा हो चुका है। कुछ बाहरी इलाके भी महायोजना में शामिल हैं। ऐसे में समूचे एलडीए क्षेत्र में नई व्यवस्था लागू करने की तैयारी है।

विशेष सुख सुविधा शुल्क की व्यवस्था वर्ष 2023 में यूपी सरकार की कैबिनेट बैठक का निर्णय है। इसके बाद एलडीए ने ग्रीन कॉरिडोर में यह शुल्क लागू किया था। यानी उस संबंधित क्षेत्र में जो भी निर्माण के लिए नक्शे पास कराएगा, उसे यह शुल्क देना होगा। अब तक एलडीए को 88 करोड़ ग्रीन कॉरिडोर से इसके तहत प्राप्त हो चुके हैं। एलडीए के एक अधिकारी ने बताया कि विशेष सुख-सुविधा शुल्क फिलवक्त 350 रुपये प्रति वर्ग मीटर है।

पूरे एलडीए क्षेत्र में लागू करने के लिए शुल्क में कमी की जाएगी। यह 180 रुपये से लेकर 250 रुपये प्रति वर्ग मीटर के बीच हो सकता है। व्यवस्था लागू करने के लिए पहले बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। एलडीए उपाध्यक्ष डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी के अनुसार एलडीए अध्यक्ष डॉ. रोशन जैकब को जानकारी दी गई है। उनकी प्रारम्भिक सहमति मिल गई है।

क्या है विशेष सुख-सुविधा शुल्क
महायोजना में जमीनें कीमती हैं। यहां आवायीय, व्यावसायिक या अन्य किसी उपयोग के लिए नगरीय उपयोग प्रभार शुल्क है। इसे नक्शा पास कराते समय लिया जाएगा। पिछले वर्ष जून में उत्तर प्रदेश नगर योजना और विकास अधिनियम 1973 (संशोधन) अध्यादेश-2023 के प्रारूप को मंजूरी दे दी गई थी।

इसके तहत विशेष सुविधा वाले शहरों से यह शुल्क वसूलने को मंजूरी मिली थी। इसके पूर्व तक अधिनियम में विकास शुल्क की परिभाषा में केवल सड़क, नाली, सीवर लाईन, विद्युत आपूर्ति और जलापूर्ति ही शामिल है। इसका उद्देश्य यह है कि प्राधिकरणों को अतिरिक्त आय हो ताकि शहर का विकास सही तरीके से किया जा सके।

अकबरनगर में खाली खजाना भरने की कोशिश
एलडीए सूत्रों ने बताया कि अकबरनगर में ध्वस्तीकरण काफी लम्बा खिंच गया। एलडीए का खजाना खाली होने के कगार पर पहुंच गया। इसकी भरपाई विशेष सुख सुविधा शुल्क से होगी।

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