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प्राइमरी स्‍कूलों में सख्‍ती, हेडमास्‍टरों को हर हाल में कराना होगा ये काम; BSA भी जिम्‍मेदार 

बेसिक शिक्षा विभाग ने सभी परिषदीय विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को निर्देश जारी कर कहा है कि वे मासिक कैलेण्डर के अनुसार अनिवार्य रूप से पढ़ाई पूरी कराएं। कोर्स पूरा न होने पर जवाबदेही तय होगी।

Ajay Singh प्रमुख संवाददाता, लखनऊSun, 28 July 2024 08:54 AM
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कोर्स पूरा नहीं कराने वाले प्राइमरी के गुरुजी चिन्हित किये जायेंगे। पहले चेतावनी दी जायेगी नहीं सुधरे तो दण्डित तक किये जाने की तैयारी है। ऐसे में अब बेसिक शिक्षा विभाग ने सभी परिषदीय विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को निर्देश जारी कर कहा है कि वे मासिक कैलेण्डर के अनुसार अनिवार्य रूप से पढ़ाई पूरी कराएं। इसके लिए अगर अतिरिक्त कक्षा लगाना हो या किसी कलास के समय में कटौती कर किसी क्लास को अतिरिक्त समय देना हो तो वह इसकी भी व्यवस्था करायें लेकिन मासिक कोर्स हर हाल में पूरा कराना होगा।

अत्यधिक सर्दी या गर्मी के कारण या फिर मौसम की किसी अन्य गड़बड़ी की वजह से स्कूल में छुट्टी हो जाने या किसी अन्य कारणों से कक्षा अवरुद्ध होने से छूटे कोर्स को पूरा कराना गुरुजी की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होगी। अगले माह से हर महीने के अन्तिम सप्ताह में बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं खण्ड शिक्षा अधिकारी अलग-अलग स्कूलों की अलग-अलग कक्षाओं में जाकर मासिक पाठ्यक्रम पूरा होने की जांच करेंगे। जहां मासिक कोर्स पूरा नहीं पाया जायेगा वहां इसके जिम्मेदार शिक्षकों के खिलाफ कार्यवाही होगी। शिक्षकों को सचेत कर दिया गया है कि उन्हें हर हाल में मासिक पाठ्यक्रम को पूरा कराना ही होगा।

कोर्स पूरा कराना बीएसए की जिम्मेदारी भी होगी
इस संबंध में बेसिक शिक्षा निदेशक की ओर से सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को सर्कुलर जारी कर निर्देश दिए गए हैं कि वे परिषदीय विद्यालयों में शिक्षारत् छात्र-छात्राओं को कक्षावार मासिक पाठ्यक्रम के अनुसार अनिवार्य रूप से अध्यापन कार्य पूरा करायें। सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि जिन जिलों में डीएम की ओर से किसी कारणवश स्थानीय अवकाश घोषित किया गया है वहां उस दिन के कोर्स को पूरा कराना या पढ़ाई में हुई क्षति की पूर्ति करना स्कूलों के प्रधानाध्यापकों के साथ-साथ बीएसए की भी जिम्मेदारी होगी। मासिक पाठ्यक्रम को पूरा कराने के लिए अतिरिक्त कक्षा लगाना या समय सारणी में दो-चार-दिनों का बदलाव पूरी तरह से अनुमन्य है।

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