Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Still afraid of Mukhtar Ansari Ghosi MP Atul Rai pleaded to the court to save his life went to jail after his bail was cancelled

मुख्तार अंसारी का अब भी खौफ? घोसी सांसद अतुल राय ने कोर्ट से लगाई जान बचाने की गुहार, जमानत तुड़वाकर गए जेल

घोसी से सांसद अतुल राय एक बार फिर सलाखों के पीछे चले गए हैं। अपनी जान को खतरा बताते हुए अतुल राय ने वाराणसी की विशेष कोर्ट से गुहार लगाई। पुराने मामले में अपनी जमानत तुड़वाकर जेल चले गए। 

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तान, वाराणसीTue, 28 May 2024 03:00 PM
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मुख्तार अंसारी का खौफ अब भी पूर्वांचल में व्याप्त है? यह सवाल इसलिए अब हो रहा है क्योंकि घोसी से सांसद अतुल राय एक बार फिर जेल पहुंच गए हैं। लोकसभा चुनाव जीतने के बाद से ही वह लगातार जेल में रहे। फरवरी में जमानत पर बाहर आए लेकिन अब घोसी में चुनाव से ठीक पहले फिर से खुद ही सलाखों के पीछे चले गए हैं। अतुल राय ने वाराणसी में विशेष न्यायाधीश (एमपी/एमएलए) अजय कुमार द्वितीय की अदालत में हाजिर होकर अपनी जमानत तोड़कर जेल भेजने की गुहार लगाई। खुद की जान को खतरा बताते हुए प्रार्थना पत्र दिया। इसके बाद कोर्ट ने उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में सेंट्रल जेल भेज दिया है।

अतुल राय पर साल 2011 में कैंट थाने में सिपाही पर हमला कर बदमाश को पेशी से भगाने के आरोप में केस दर्ज है। इसी मामले में कैंट थाने में उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा भी दर्ज है। जिसमें वह जमानत पर थे। अतुल राय अपने अधिवक्ता अनुज यादव और हाथी बाजार (जंसा) निवासी जमानतदार तारकेश्वर के साथ कोर्ट में हाजिर हुए। तारकेश्वर ने जमानत के बंधपत्र से मुक्त होने के लिए प्रार्थना-पत्र दिया। वहीं सांसद अतुल राय की ओर से भी प्रार्थनापत्र दिया गया। इसमें खुद की जान को खतरा बताते हुए और स्वास्थ्य कारणों से जमानत तोड़ जेल भेजने की गुहार लगाई गई।

अदालत ने जमानतदार के प्रार्थनापत्र पर सुनवाई करते हुए उसे मंजूर कर लिया और घोसी सांसद को न्यायिक अभिरक्षा में सेंट्रल जेल भेज दिया। बता दें कि सांसद अतुल राय दो फरवरी 2024 को नैनी जेल से जमानत पर रिहा हुए थे। इसके पहले साल 2019 से ही जेल में थे।

जेल जाने की यह भी एक वजह
अतुल राय को लखनऊ के हजरतगंज में दर्ज मुकदमे में अंतरिम जमानत मिली थी। अंतरिम जमानत को हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने निरस्त कर दस दिनों में समर्पण करने का अतुल राय को निर्देश दिया था। इसकी अवधि सोमवार को समाप्त हो रही थी। कहा जा रहा है कि इस मामले में भी उनका सरेंडर हुआ है।

कभी मुख्तार के करीबियों में गिनती
बसपा से सांसद अतुल राय ने भले ही नैनी जेल में रहते हुए मुख्तार अंसारी से अपनी जान को खतरा बताया था। हालांकि इससे पहले वह मुख्तार अंसारी के ही करीबी भी कहे जाते थे। अतुल राय के अपनी जान को खतरा जताने के बाद ही मुख्तार अंसारी को पंजाब से यूपी के नैनी सेंट्रल जेल में शिफ्ट करने के बजाय बांदा भेजा गया था। इसका खुलासा प्रयागराज के एसपी इंटेलिजेंस की एक गोपनीय रिपोर्ट में हुआ था। अतुल राय ने नैनी जेल में रहते हुए भी सीएम योगी और एमपी/एमएलए कोर्ट को पत्र लिखकर मुख्तार अंसारी से अपनी जान को खतरा बताया था।

सांसद ने मुख्तार अंसारी पर उनके खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया था। सांसद अतुल राय ने पत्र में सीएम और कोर्ट से अपील करते हुए कहा था कि मुख्तार अंसारी को नैनी जेल में शिफ्ट ना किया जाए क्योंकि वो उनके लिए खतरा बन सकते हैं।

इसी के बाद मऊ के विधायक मुख्तार अंसारी को पंजाब की रोपड़ जेल से यूपी की बांदा जेल में लाया गया था। सांसद अतुल राय की गुहार पर प्रयागराज के एसपी इंटेलिजेंस ने इस मामले में एक खुफिया जांच की थी। इसमें उन्होंने अतुल राय की जान को खतरा की बात की पुष्टि की थी।

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