कानपुर, आगरा और मेरठ में कोरोना से बिगड़े हालतों को संभालेंगी विशेष टीमें
कानपुर, आगरा और मेरठ में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या से बिगड़े हालतों को संभालने के लिए विशेष टीमों अपने-अपने निर्धारित शहरों में पहुंचकर सारी चिकित्सीय व्यवस्थाओं को अपने हाथ में ले लिया है। तीनों...
कानपुर, आगरा और मेरठ में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या से बिगड़े हालतों को संभालने के लिए विशेष टीमों अपने-अपने निर्धारित शहरों में पहुंचकर सारी चिकित्सीय व्यवस्थाओं को अपने हाथ में ले लिया है। तीनों टीमों ने अपने-अपने शहरों में मेडिकल कालेजों और सरकारी अस्पतालों में बने कोविड अस्पतालों में की गई तैयारियों का जायजा लिया।
जिला प्रशासन के अफसरों से मरीजों की तादाद लगातार बढ़ते रहने के बारे में जानकारी मांगी। उन्होंने हालात को संभालने के लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी है। लॉकडाउन के नियमों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए। अब ये टीमें हालात सुधरने तक यहीं कैंप करेंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के निर्देश पर गठित की गईं इन तीन जिलों की विशेष टीमों में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी, पुलिस अधिकारी व स्वास्थ्य अधिकारी शामिल किए गए हैं। आगरा में सबसे ज्यादा कोरोना के संक्रमित मरीज होने और ज्यादा मृत्यु होने के कारण दो आईएएस अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक आगरा में प्रमुख सचिव डा.रजनीश दुबे और आलोक कुमार ने एस.एन.मेडिकल कालेज जाकर वहां कोविड अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में मरीजों के बारे में जानकारी ली। आगरा में अब तक सबसे ज्यादा साढ़े सात सौ अधिक कोरोना संक्रमित मरीज हैं और वहां 13 मरीज की मौत हो चुकी है। वरिष्ठ अधिकारियों ने वहां हॉट स्पॉट और कन्टेमेंट जोन के बारे में आवश्यक निर्देश दिए। अधिकारियों ने पूर्व में आई केन्द्रीय टीम की रिपोर्ट देखी। इसमें आगरा के हालात के सुधारने के लिए सुझाव दिए गए हैं।
मेरठ में 242 कोरोना संक्रमित मरीज हैं और वहां भी सबसे ज्यादा 15 मौत हो चुकी हैं। वरिष्ठ अधिकारियों की टीम ने मेरठ मेडिकल कालेज व निजी मेडिकल कालेज के कोविड अस्पतालों में जाकर वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इसके साथ ही जिला प्रशासन से मंत्रणा की। कानपुर में भी 301 मामले पॉजिटिव पाए गए हैं और छह मरीजों की मौत हो चुकी है। यूपीसीडा के एमडी अनिल गई व आईजी दीपक रत्न ने जिला प्रशासन के साथ बिगड़े हालातों की समीक्षा की।